पूर्वजों की याद में लगा दिए 3 हज़ार से ज़्यादा पौधे, राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित यूपी की बेटी बनी मिसाल

यूपी के दिबियापुर, औरैया की नेहा कुशवाहा पूर्वजों की याद में 10 साल की उम्र से पौधा लगाने की मुहिम चला रही हैं। राष्ट्रीय युवा पुरस्कार और वाटर हीरो अवार्ड से सम्मानित नेहा अबतक 3 हज़ार से अधिक पौधे लगा चुकी हैं। बदलता इंडिया में आज़ उनकी बात उन्हीं की ज़ुबानी।

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पूर्वजों की याद में लगा दिए 3 हज़ार से ज़्यादा पौधे, राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित यूपी की बेटी बनी मिसाल

मैं जब कक्षा 7 में पढती थी तो किसी नए आइडिया के साथ राष्ट्रीय बाल विज्ञान काँग्रेस में हिस्सा लेना चाहती थी। उन्हीं दिनों मैंने अपने गाँव जगमोहनपुर (इटावा) में एक खेत के कोने पर शव को जलाए जाने के बाद उसकी राख को मिट्टी की ढेरी में देखा। सोचा कि इस मृत शरीर को जलाने के लिए लकड़ी किसी पेड़ को काट कर ही लाया गया होगा। क्यों ना ऐसी मृत आत्माओं की याद में मृत आत्माओं की याद में पेड़ लगाते हुए पेड़ लगाने की मुहिम शुरू की जाए।

मैंने पहले अपने मोहल्ले में लोगों से पूछा कि किन लोगों के खेत के कोने पर इस तरह की ज़मीन ख़ाली पड़ी है जहाँ किसी की याद में पौधा लगाया जा सकता है।

मार्च 2015 में हमने पता करना शुरू किया। फिर दिबियापुर (औरैया) में अपने इस आइडिया को शिक्षक मनीष के साथ शेयर किया और पूरी कार्य योजना बनाकर काम शुरू किया। आज हमने अपनी इसी मुहिम के तहत 3237 पौधे लगा दिए और हज़ारों लोगों को प्रेरित किया है। इसका नतीज़ा है कि मैं नेशनल यूथ अवार्डी बन गई हूँ।


हमारी इस मुहिम का सकारात्मक असर सोनी सब टीवी चैनल को भी दिखाई दिया तो उसने इस अच्छे और सच्चे काम को अपने बालवीर सीरियल के 756वें एपीसोड में दिखाया। इसके लिए सोनी टीवी ने मुझे और मेरे शिक्षक मनीष जी को मुंबई बुलाया जहाँ हम दोनों की शूटिंग हुई और 10 जुलाई 2015 को बालवीर सीरियल में दिखाया गया। इसके बाद तो ऐसा सिलसिला शुरू हुआ की सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने हमारे काम को ख़ूब दिखाया और बताया। आज हज़ारों लड़कियों के लिए हमारी मुहिम प्रेरणास्रोत बन गई है।

पूर्वजों की याद में पौधरोपण के लिए साल 2021 में राष्ट्रीय युवा पुरस्कार मिला। अबतक जो पौधें लगाए हैं उनमें आम, अशोक, छितवन, कदम्ब, नीम, आँवला, अमरूद, नींबू, मौसम्मी, अनार, करौंदा, कटहल, सागौन, जामुन, फाइकस, लाल कनेर, बेर, संतरा, बढ़ार, रातरानी, गुड़हल, बोतल ब्रुश और अर्जुन जैसे कई पेड़-पौधे शामिल हैं।

"गोल्डन बॉय चिमी" नाम से लिखी मेरी कहानी को 2020 में इंडियन पेपर इंक अवार्ड मिला। प्रदेश सरकार की तरफ से पर्यावरण संरक्षण मित्र सम्मान दिया गया। यही नहीं, हमारी पौधा रोपण मुहिम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। मेरी मुहिम पर बनाई गई शार्ट फिल्म अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में साल 2018 में शामिल हुई थी। राष्ट्रीय बाल विज्ञान काँग्रेस के तहत दो बार राष्ट्रीय स्तर पर मैंने हिस्सा लिया।

विदेश मंत्री डॉ सुब्रह्मण्यम जयशंकर के साथ नेहा कुशवाहा

उत्तर प्रदेश वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा वूमेन प्राइड अवार्ड भी मुझे दिया गया है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर जब मुझे भारत की लक्ष्मी नाम दिया तो बहुत अच्छा लगा। दिसम्बर 2022 में जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार की तरफ से वाटर हीरो अवार्ड भी मिला। मुझे ख़ुशी होगी अगर सभी राज्यों में लोग ख़ुद इस काम को शुरू करें। ये पर्यावरण के लिए ज़रूरी भी है।

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