‘दलाली’ वाले बयान पर चौतरफा घिरे राहुल, अपने नेता के बचाव में आई कांग्रेस

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‘दलाली’ वाले बयान पर चौतरफा घिरे राहुल, अपने नेता के बचाव में आई कांग्रेसrahul gandhi

नई दिल्ली (भाषा)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के ‘दलाली' वाले बयान पर शुक्रवार को सियासत गरमा गई। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राहुल पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने ‘‘सारी हदें पार कर दी'' और सेना की वीरता का ‘‘अपमान'' किया। दूसरी ओर, अपने नेता के बचाव में आई कांग्रेस ने जोर देकर कहा कि राहुल ने सैन्य कार्रवाई का समर्थन किया है, लेकिन इस मुद्दे पर ‘‘राजनीतिक दुष्प्रचार'' को स्वीकार नहीं करेंगे।

केजरीवाल ने भी राहुल को लिया आड़े हाथ

नियंत्रण रेखा के पार सेना की ओर से किए गए लक्षित हमलों पर अपनी टिप्पणी के लिए आलोचना का सामना कर रहे आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी राहुल को आड़े हाथ लिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने राजनीतिक पार्टियों से अपील की कि वे अपने मतभेद भुलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ दें। कांग्रेस की पूर्व सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी मोदी सरकार पर ‘‘जवानों की खून की दलाली'' का आरोप लगाने वाले राहुल के बयान को खारिज किया। बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन में कांग्रेस के साझेदार राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भी राहुल के ‘दलाली' वाले बयान से असहमति जताते हुए कहा कि वह अपनी बात ठीक से नहीं रख पाए।

राहुल को अपनी बात ठीक से रखनी नहीं आई: लालू

लालू ने कहा, ‘‘राहुल गांधी को अपनी बात ठीक से रखनी नहीं आई।'' इससे पहले, भाजपा प्रमुख शाह ने कहा, ‘‘खून की दलाली वाली बात कह कर राहुल गांधी ने सारी हदें लांघ दी। यह हद थी। ऐसे शब्दों को चुन कर उन्होंने हमारे सैनिकों की बहादुरी और भारत के 125 करोड़ लोगों का अपमान किया है।'' लक्षित हमलों की प्रामाणिकता पर सवाल खड़े करने वालों को ‘‘भारत विरोधी'' नेता करार देते हुए शाह ने कहा, ‘‘पूरा देश, भाजपा और उसकी सरकार सेना के साथ खड़ी है। हम भारत विरोधी नेताओं की टिप्पणियों पर यकीन नहीं करते। हम सेना की गोलियों पर यकीन करते हैं।''

बैकफुट पर आये राहुल ने किया टवीट

पीएम मोदी पर किए गए जुबानी हमले के बाद बैकफुट पर नजर आ रहे राहुल ने कहा कि उन्होंने स्पष्ट तौर पर सेना की कार्रवाई का समर्थन किया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कई ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं लक्षित हमलों का पूरा समर्थन करता हूं और मैंने स्पष्ट तौर पर यह बात कही है, लेकिन मैं देश भर में राजनीतिक पोस्टरों और प्रचार में भारतीय सेना के इस्तेमाल का समर्थन नहीं करुंगा।''

सैनिकों के खून की दलाली करने का लगाया था आरोप

गुरुवार को मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा था कि वह ‘‘सैनिकों के खून के पीछे छुप रहे हैं'' और उनके ‘‘खून की दलाली'' कर रहे हैं। राहुल ने कहा था, ‘‘जिन्होंने हिंदुस्तान के लिए सर्जिकल स्ट्राइक किए हैं, उनके खून के पीछे आप छुपे हैं। उनकी आप दलाली कर रहे हो। ये बिल्कुल गलत है।'' शाह ने कहा कि लक्षित हमलों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर ‘‘सेना का मनोबल उठाने'' के लिए भाजपा लोगों के बीच जाएगी।

मोदी ने एक सच्चे प्रधानमंत्री के रूप में काम किया: कपिल सिब्बल

राहुल के बचाव में आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि जब पार्टी उपाध्यक्ष ने कहा था कि ‘‘मोदी ने आखिरकार एक सच्चे प्रधानमंत्री की तरह काम किया'', तो उस वक्त उन्होंने प्रधानमंत्री की तारीफ की थी। अमित शाह पर हमला बोलते हुए सिब्बल ने कहा, ‘‘हम हमलों का बचाव करते हैं, लेकिन यह दुष्प्रचार रोकिए। जवानों के त्याग का श्रेय लेना गलत है।'' उन्होंने कहा, ‘‘जो जेल में थे, जिन्हें तड़ीपार किया गया था, जिन पर हत्या के आरोप थे, वे हमें बता रहे हैं कि हमने गलत किया।''

केजरीवाल ने की कड़ी आलोचना

केजरीवाल ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे सैनिकों ने साहसिक तरीके से लक्षित हमले किए और आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया। मैंने पहले भी ऐसा किया है और फिर सेना को इसके लिए बधाई देना चाहता हूं। मैं राहुल गांधी के उस बयान की कड़ी आलोचना करता हूं जिसमें उन्होंने ‘खून की दलाली' की बात कही है।'' केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं ऐसे शब्दों की निंदा करता हूं। मैं सदन में और वीडियो संदेश में भी कहा है कि अभी सीमा पर तनाव है। पूरे देश को अपने राजनीतिक मतभेद भुलाकर सेना के साथ खड़े होना चाहिए और सुरक्षा से जुड़े प्रधानमंत्री के कदमों का समर्थन करना चाहिए। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।''

पाकिस्तान में ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे केजरीवाल: शाह

बहरहाल, शाह ने केजरीवाल पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह लक्षित हमलों पर संदेह करने वाले पहले नेता थे और पाकिस्तान में ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे थे। शाह ने कहा, ‘‘पाक स्टैंड्स विद केजरीवाल पाकिस्तान में सबसे ऊपर ट्रेंड कर रहा था। यह दिखाता है कि उनकी कोशिशों से किसका फायदा हो रहा है।'' भाजपा अध्यक्ष ने यूपीए सरकार के वक्त के कथित घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि राहुल के दिमाग में ‘दलाली' शब्द इसलिए आया क्योंकि उनकी पार्टी की सरकार ने बोफोर्स, एम्ब्रायर, 2जी और कोयला ब्लॉक आवंटन करारों में ‘दलाली' की, लेकिन हमलों के मामले में ऐसा शब्द इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था।

हम इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहते: शाह

भाजपा पर इन हमलों का राजनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगने पर शाह ने कहा कि पार्टी के किसी भी शीर्ष नेता ने कोई बयान नहीं दिया और रक्षा मंत्री ने नहीं बल्कि डीजीएमओ ने प्रेस कांफ्रेंस कर सेना की ओर से किए गए हमलों का ऐलान किया। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा इसे चुनावों में मुद्दा बनाएगी, इस पर शाह ने सतर्कता से जवाब देते हुए कहा, ‘‘हम इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहते, लेकिन हम इसे लोगों के बीच लेकर जरुर जाएंगे क्योंकि सेना का मनोबल बढ़ाना हर जिम्मेदार राजनीतिक पार्टी का कर्तव्य है।''

पहले लक्षित हमले के दावे को किया खारिज

शाह ने कांग्रेस नेताओं के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि लक्षित हमले पहले भी हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के बाद पहली बार सैनिकों ने आतंकवादियों के अड्डों को नष्ट करने के लिए नियंत्रण रेखा पार की है।'' भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि थलसेना के पूर्व अधिकारियों ने कहा है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। इस बीच, एनसीपी सांसद डी पी त्रिपाठी ने कहा, ‘‘राहुल गांधी मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता हैं, जो शायद दुनिया का सबसे पुराना संगठन है। उन्हें ऐसे शब्दों के इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए था।''

     

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