हत्यारोपी के शव पर तिरंगा क्यों ? सिर्फ जवानों के पार्थिव शरीरों को तिरंगे से ढकने का है कानून
गाँव कनेक्शन 9 Oct 2016 12:23 PM GMT

लखनऊ। भारत में शहीदों को ही तिरंगे में लपेटने का प्रावधान है, लेकिन तिरंगे की गरिमा का अपमान दादरी के बिसाहड़ा गाँव में उस समय देखने को मिला जब अख्लाक की हत्या के आरोप में शामिल रवि की मौत के बाद गाँववालों ने उसके शव पर तिरंगा रख दिया जबकि अखलाक का बड़ा भाई एयर फोर्स में जवान है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने भी गाँव जाकर रवि को प्रणाम किया। बीते साल ग्रेटर नोएडा के दादरी में गोमांस रखने और उसका सेवन करने के कथित आरोप में ग्रामीणों ने अख्लाक की हत्या कर दी थी। वह आरोप भी बाद में पुलिस ने झूठा पाया। सवाल यह है कि क्या हत्या के आरोपी को शहीद का दर्जा देना चाहिए ?
क्या है भारतीय तिरंगे को लेकर नियम और आचार संहिता
1. देश में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के कुछ नियम-कायदे निर्धारित हैं।
2. यदि कोई व्यक्ति ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ के तहत गलत तरीके से तिरंगा फहराने का दोषी पाया जाता है तो उसे जेल हो सकती है। इसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों भी हो सकते हैं।
3. प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही है।
4. किसी भी स्थिति में फटे या क्षतिग्रस्त झंडे को नहीं फहराया जा सकता है।
5. झंडे का इस्तेमाल किसी भी प्रकार के परिधान या सजावट के सामान में नहीं हो सकता।
6. झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है।
7. किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढकने में भी नहीं हो सकता है।
8. किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन पर नहीं छूना चाहिए।
9. झंडा केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है।
10. शहीदों के पार्थिव शरीर पर ही तिरंगा रखा जाता है।
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