अभी और बेहतर कर सकता है भारत: जेटली
गाँव कनेक्शन 9 Oct 2016 1:04 PM GMT

वाशिंगटन (भाषा)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भारत आज दुनिया में महत्वपूर्ण स्थान रखता है जिसका कारण विपरीत माहौल में बेहतर करने की आकांक्षा है और यह पहले से कहीं अधिक है। साथ ही उन्होंने आगाह किया कि उसके स्वयं के मानदंडों के आधार पर देश की मौजूदा वृद्धि पर्याप्त नहीं है।
जेटली ने यहां भारतीय संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘पहले के मुकाबले हम कहीं अधिक महत्वपूर्ण स्थान पर हैं, लेकिन इसमें मेरी थोड़ी आपत्ति है। भारत पहले से कहीं अधिक महत्वकांक्षा वाला देश बन गया है, इसीलिए दुनिया के शेष भागों से तुलना करने पर, हम जरूर अच्छा कर रहे हैं लेकिन खुद के मानदंडों से तुलना करने पर, हमारा मानना है कि यह पर्याप्त नहीं है।'' मंत्री ने कहा, ‘‘हम अभी और भी अच्छा कर सकते हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि चीजें खराब हैं, बेकरार होना, उत्सुक होना, बेहतर करने की चाहत का संकेत है।'' जेटली यहां उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्वबैंक की बैठक में भाग लेने के लिए आए हुए हैं।
दुनिया के अन्य देशों के लिए जहां हम प्रतिकूल माहौल में बेहतर करने की आकांक्षा रखते हैं, वे हमारे प्रदर्शन को अत्यंत प्रभावी मानते हैं। इसीलिए भारत को लेकर दुनियाभर में काफी चर्चा है।अरुण जेटली वित्त मंत्री
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष तथा विश्वबैंक के ताजा अनुमान के अनुसार भारत की वृद्धि दर अगले दो साल में 7.6 प्रतिशत रहेगी जो उसे उभरती अर्थव्यवस्था में दुनिया की तीव्र वृद्धि वाला देश बनाता है।
जीएसटी जैसे सुधारों से और अधिक वृद्धि संभव
एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आने वाले कई साल तक के लिए जिस प्रकार की आर्थिक गतिविधियों और निवेश की हमने योजना बनाई है, उससे वृद्धि के नीचे जाने की संभावना नहीं है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जिस प्रकार के दोनों घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय निवेश हमें प्राप्त हो रहे हैं, एक उपयुक्त मात्रा में वृद्धि हमेशा बनी रहेगी। अगर दुनिया में वृद्धि पहले जैसी होती है, इसमें संभवत: वृद्धि होगी। जीएसटी जैसे संरचनात्मक सुधारों से इसमें और इजाफा होगा।''
वैश्विक माहौल वृद्धि के लिए बहुत अनुकूल नहीं हैं
दुनिया में धीमी वृद्धि को रेखांकित करते हुए जेटली ने कहा कि कोई भी इस बात को लेकर आशान्वित नहीं है कि कबतक यह स्थिति बनी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में ऐसे में माहौल में रहने को सीखना है जहां दुनिया धीमे-धीमे आगे बढ़ रही है, और दुनिया वृद्धि के लिए बहुत मददगार नहीं होने जा रही है। वैश्विक माहौल वृद्धि के लिए बहुत अनुकूल नहीं हैं।'' वित्त मंत्री ने कहा कि चूंकि भारत दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले तेजी से वृद्धि कर रहा है, वह अधिक एफडीआई प्राप्त करने वाला एक स्वभाविक देश बन गया है।
भारत के समक्ष कुछ चुनौतियां हैं जरूरी
उन्होंने कल कहा, ‘‘अच्छा मानसून, वेतन आयोग और उपयुक्त वृद्धि दर के साथ ग्रामीण मांग समेत घरेलू खपत में तेजी आई है।'' उन्होंने यह भी कहा कि दिशा और निर्णय लेने के संदर्भ में भारत में संरचनात्मक सुधार पहले से कहीं आसान है। जेटली ने कहा कि बुनियादी ढांचा में व्यय और निवेश वृद्धि को बनाए रखेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के समक्ष कुछ चुनौतियां हैं, पहला प्रतिकूल वैश्विक माहौल, दूसरा, कुछ क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ा है लेकिन वह अभी पहले जैसा नहीं है, अभी भी अच्छा किया जा सकता है, और तीसरा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अधिक मजबूत होने उन्हें एनपीए से बाहर निकलने की जरुरत है।'' अरुण जेटली ने कहा, ‘‘और अगर दुनिया तेजी से वृद्धि करती है तथा यह 2005 और 2008 के बीच जैसी होती है तो निश्चित रुप से हम ऊंची वृद्धि दर की उम्मीद कर सकते हैं. लेकिन भारत के लिये वृद्धि के मौजूदा स्तर को बनाए रखना संभव है।''
जीएसटी काफी कुशल कर व्यवस्था
उन्होंने कहा कि जीएसटी में कई कारणों से वृद्धि को आगे बढाने की काफी संभावना है।'' वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यह काफी कुशल कर व्यवस्था है, इससे व्यापार आसान होगा। यह सेवाओं और वस्तुओं की आवाजाही को सुगम बनाएगा। एक जगह से दूसरी जगह वस्तु भेजने में लगने वाला समय कम होगा, इससे कर पर कर नहीं लगेगा और लागत कम होगी। कुल मिलाकर इससे उत्पाद ज्यादा दक्ष होंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल दरों को निर्धारित करने के लिये 18, 19 और 20 अक्तूबर को जीएसटी परिषद की बैठक होने जा रही हैं हमारे लिए एक अप्रैल का लक्ष्य है. यह कड़ा लक्ष्य है लेकिन हम इसे हासिल कर लेने की उम्मीद करते हैं।''
यहां चार दिन के प्रवास के दौरान जेटली ने अमेरिका, ब्रिटेन और चीन समेत प्रमुख देशों के वित्त मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें की। उन्होंने ईरान और पड़ोसी देश बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि सरकार ने पिछले दो साल में जो कदम उठाए हैं, उससे काफी संभावना और क्षमता बढ़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने पिछले साल 55.6 अरब डालर एफडीआई प्राप्त किया तथा इसमें अब और वृद्धि होगी।''
Washington Arun Jaitley India Finance Minister World Bank/IMF Annual Meetings IMF headquarters
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