प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद भी बिहार को अब तक नहीं मिले 1.25 लाख करोड़, आरटीआई से मिला जवाब

Shefali SrivastavaShefali Srivastava   7 March 2017 3:14 PM GMT

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प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद भी बिहार को अब तक नहीं मिले 1.25 लाख करोड़, आरटीआई से मिला जवाबमुंबई में आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने दायर की थी आरटीआई

मुंबई। 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के 18 महीने बाद भी राज्य प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ईनाम में मिलने वाले 1.25 लाख करोड़ रुपए का इंतजार कर रहा है।

मुंबई में आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश के राज्यों को बड़े पैमाने पर वित्तीय सहायता या विकास के लिए मिलने वाली राशि का दिसंबर 2016 को वित्त मंत्रालय से ब्यौरा हासिल करने के लिए आरटीआई दायर की थी।

उन्होंने वित्तीय पैकेजों पर कार्रवाई की जानकारी भी मांगी। हालांकि वित्त मंत्रालय के उपनिदेशक आनंद परमार ने पहले प्रत्यक्ष रूप से जानकारी देने से मना कर दिया था लेकिन फिर गोलमोल तरीके से स्थिति स्पष्ट कर दी।

परमार के संक्षेप जवाब में कहा गया, ‘18 अगस्त 2015 को मोदी ने बिहार के लिए 1,25003 करोड़ विशेष राशि की घोषणा की थी।’ गालगली ने बताया, ‘यह भी कहा गया था कि प्रोजेक्ट चरणबद्ध तरीकों से पूरा होगा फिर भी उस दिन से आज तक एक पैसा भी केंद्र की तरफ से राज्य को नहीं पहुंचा।’

यह वाकई शर्मनाक है कि बिहार के लिए घोषित राशि पर, जिसके लिए प्रधानमंत्री ने खुद घोषणा की थी, डेढ़ साल में कोई कार्यवाही नहीं हुई।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश चुनाव में भी बड़ी घोषणाएं की हैं। 125 करोड़ भारतीयों के लिए बड़े से बड़े दावे करने वाली बीजेपी के खुद के आंकड़ें इतने कमजोर क्यों हैं?

इसी तरह मोदी ने 80,068 करोड़ रुपए की राहत राशि सात नवंबर 2015 को जम्मू कश्मीर सरकार को देने का वादा किया था जहां बीजेपी ने पीडीपी के साथ गठबंधन किया है। यह राशि उस साल वहां आई बाढ़ के बाद विकास और राहत के लिए दी जानी थी।

यही नहीं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 15 जून 2016 को सिक्किम ने 43,589 करोड़ की राहत राशि की मांग केंद्र से की थी जो अभी तक वितरित किए जाने के इंतजार में है जबकि पर्यटन का मौसम वहां शुरू ही होने वाला है।

गलगली कहते हैं कि यह देरी वाकई आश्चर्यजनक है जबकि पीके चामलिंग दिसंबर 1994 से सिक्किम के मुख्यमंत्री हैं और अब वहां 2019 के मध्य में ही विधानसभा चुनाव होने हैं।

गलगली बताते हैं कि चुनावी मौसम में केंद्र सरकार द्वारा राहत राशि का वादा किए जाने और फिर उसमें लेटलतीफी के रवैये से कई राज्यों के नेता खासे खफा हैं।

इनपुट: आईएएनएस

        

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