कश्मीर में स्कूलों को जलाया जाना अस्वीकार्य: सत्यार्थी
गाँव कनेक्शन 3 Nov 2016 7:58 PM GMT

नई दिल्ली (भाषा)। नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्तकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कश्मीर में स्कूलों को जलाया जाना बिल्कुल अस्वीकार्य है और दावा किया कि कट्टरपंथी ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि शिक्षा से बच्चों के मस्तिष्क के द्वार खुल जायेंगे और वो उन्हें अपने निहित स्वार्थ के लिए इस्तेमाल नहीं कर पायेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा पर हमला किया जाता है, स्कूल जलाये जाते हैं, शिक्षकों का अपहरण किया जाता है, बच्चों की हत्या कर दी जाती है, यह पूरे विश्व में हो रहा है। दरअसल कट्टरपंथी इस बात से डरे हुए हैं कि शिक्षा बच्चों के दिमाग का द्वार खोल देगी।''
उन्होंने कहा, ‘‘वो एक ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं जहां बच्चे शिक्षा नहीं पा सकें। चूंकि यदि वो स्कूल जायेंगे, वो प्रौद्योगिकी, नागरिकता, आपसी संबंध, परस्पर सम्मान, इतिहास, संस्कृति और मूल्यों के बारे में सीखेंगे और वो उनके दिमाग में जहर नहीं घोल पायेंगे तथा अपने निहित स्वार्थों के लिए इस्तेमाल नहीं कर पायेंगे।'' वह यहां ‘नोबेल लौरेट्स एंड लीडर्स फोर चिल्ड्रेन' नामक एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
New Delhi Jammu & Kashmir Kailash Satyarthi नोबेल लौरेट्स एंड लीडर्स फोर चिल्ड्रेन
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