दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों की प्रदूषण में बड़ी भूमिका: विशेषज

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दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों की प्रदूषण में बड़ी भूमिका: विशेषजफोटो प्रतीकात्मक है।

अहमदाबाद (भाषा)। पर्यावरण मामलों के एक अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में राष्ट्रीय राजधानी के आसपास के क्षेत्रों की बड़ी भूमिका है और प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

स्विट्जरलैंड के पॉल शेरर इंस्टीट्यूट के ऐरोसोल के विशेषज्ञ एंड्रे प्रेवोट ने कहा, “पेरिस में केवल 30 प्रतिशत प्रदूषण पेरिस के स्थानीय कारकों से होता है। दिल्ली में भी अधिकतर प्रदूषण दिल्ली से नहीं बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर पैदा होता है। कई सारी चीजें दिल्ली में ही नहीं होती हैं।” ऐरोसोल गैस में एक बहुत सूक्ष्म तरल और ठोस कण होता है।

प्रेवोट यहां भौतिकविज्ञान अनुसंधान प्रयोगशाला में एरोसोल विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। दिल्ली में प्रदूषण की समस्याओं पर उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों में फसलों की ठूंठ जलाए जाने से दिवाली के बाद प्रदूषण तेजी से बढ़ गया।

उन्होंने कहा, “आतिशबाजी बड़ा कारण थी। लेकिन मुख्य वजह थी ऐसे समय में उत्तर से आने वाली हवाएं जब फसलों के अवशेष जलाये जा रहे थे। पूरे पंजाब में आग थी। सारे कारकों ने कई एरोसोल पैदा कर दिये।” प्रेवोट ने कहा, “फसलों के अवशेषों को जलाया जाना वास्तव में महत्वपूर्ण कारक है और इससे बचना चाहिए। इसे ऊर्जा के स्रोत में तब्दील किया जाना चाहिए। दिल्ली को लेकर मुझे बहुत ज्यादा तो नहीं पता लेकिन सडकों की देखभाल भी जरुरी है। यातायात से धूल पनपती है। अगर वे अपनी सडकों को सुधार दें तो एरोसोल का स्तर कम हो सकता है।” उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान निकालने के लिए और हालात सुधारने के लिए नीति निर्माताओं को आसपास के क्षेत्रों की करीब 500 से 1000 किलोमीटर सड़कों पर ध्यान देना होगा।

  

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