आदर्श आचार संहिता लगते ही कुछ घंटों बाद हटाए जाने लगे होर्डिंग और बैनर

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आदर्श आचार संहिता लगते ही कुछ घंटों बाद हटाए जाने लगे होर्डिंग और बैनरचुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में पुलिसकर्मी होर्डिंग और बैनर उतारने में जुट गए। 

लखनऊ। केंद्रीय चुनाव आयोग ने बुधवार की दोपहर से यूपी सहित पांच राज्यों में चुनाव की तारीखें घोषित कर दी हैं। इसके साथ ही इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। नतीजतन, कुछ देर बाद ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में चौराहों से होर्डिंग व बैनर उतारे जाने लगे।

बुधवार को दोपहर 12 बजे चुनाव आयोग ने यूपी में सात चरणों में चुनाव कराने का ऐलान कराया। इसके बाद कुछ ही घंटों के भीतर प्रदेश के विभिन्न जिलों में पुलिसकर्मी होर्डिंग और बैनर उतारने में मशगूल हो गए। जगह-जगह मुख्य चौराहों पर लगीं बैनर और झंडियों को उतरवाकर पुलिस ने आचार संहिता का पालन करना शुरू कर दिया। जानकारी के मुताबिक, कन्नौज जिला प्रशासन ने आचार संहिता का पालन करते हुए तुरंत ही नगर पालिका परिषद को बैनर उतरवाने के निर्देश जारी किए। वहीं, सुल्तानपुर जिले में भी चौराहों का नजारा बदला हुआ नजर आया। राजधानी में भी कुछ जगहों पर बैनर-पोस्टर उतारते देखा गया। वहीं, बहराइच में भी करीब दो बजे के बाद से पुलिस ने नगर निगम कर्मियों की मदद करते हुए आचार संहिता का पालन करना शुरू कर दिया।

बता दें कि चुनाव आयोग की अधिसूचना लागू हो जाने के बाद से चौराहों पर होर्डिंग व बैनर आदि का लगाया जाना दंडनीय अपराध की श्रेणी में गिना जाता है। अधिसूचना के बाद से इस तरह से प्रत्याशी का प्रचार करना बिना मंजूरी हासिल किए गैरकानूनी होता है। यही कारण है कि चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस के बाद यूपी, मणिपुर, गोवा, पंजाब और उत्तराखंड में भी ऐसी कार्रवाई कर आचार संहिता के लागू हो जाने का शंखनाद कर दिया गया है।

आदर्श आचार संहिता के बारे में जानें ये भी

1. कोई दल ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले।

2. राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न ही व्यक्तिगत।

3. धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।

4. मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग न करें। जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना आदि।

5. किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग न करें।

6. किसी दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालें।

7. राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएँ आहत होती हों।

राजनीतिक सभा के लिए ये हैं नियम

1. सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए।

2. दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जो स्थान उन्होंने चुना है, वहां निषेधाज्ञा तो लागू नहीं है।

3. सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति पहले प्राप्त करें।

 

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