नकाब पर प्रतिबंध की मांग करने वाली याचिका खारिज
गाँव कनेक्शन 15 Nov 2016 4:53 PM GMT

नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा संबंधी खतरे के कारण सार्वजनिक स्थानों पर बुर्के और चेहरा ढकने वाले अन्य चीजों पर प्रतिबंध की मांग करने वाली याचिका मंगलवार को खारिज करते हुए कहा कि यह जनहित का मामला नहीं है।
मुख्य न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता धींगरा सहगल की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा “अगर यह नीतिगत निर्णय है तो इस बारे में सरकार विचार करेगी। हम अनुच्छेद 226 (कुछ रिट जारी करने के उच्च न्यायालय के अधिकार) के तहत इस (जनहित याचिका) पर कैसे सुनवाई कर सकते हैं।
पीठ ने कहा “इस रिट याचिका में हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते। इसे खारिज किया जाता है। यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिस पर यह अदालत अनुच्छेद के तहत विचार करे। यह जनहित का मामला नहीं है।” याचिका में आतंकवादी गतिविधियों से खतरे के आधार पर राजधानी में सार्वजनिक स्थलों जैसे परिवहन, सरकारी इमारतों एवं धरोहर स्थलों पर बुर्का, हेलमेट और हुड जैसे चेहरे को ढकने वाले तरीकों पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
सरदार रवि रंजन सिंह की इस याचिका में आरोप लगाया गया है “चेहरे और पूरे शरीर को ढकने वाले आवरण का उपयोग सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा है और नागरिकों को खतरे तथा डर की स्थिति में डालता है जो कि संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन एवं निजी छूट की सुरक्षा) का उल्लंघन है।”
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