तकनीकी का इस्तेमाल कर बिछड़े बच्चों को अपनों से मिलवा रही यूपी पुलिस

Ashwani NigamAshwani Nigam   8 Jan 2017 3:32 PM GMT

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तकनीकी का इस्तेमाल कर बिछड़े बच्चों को अपनों से मिलवा रही यूपी पुलिसट्रेक द मिसिंग चाइल्ड की वेबसाइट बन रही कारगर

लखनऊ। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से कुछ महीना पहले सैकड़ों बच्चें गमुशुदा हो गए थे। इन खोये हुए बच्चों के बारे में उनके परिजनों को कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्रैक द मिसिंग चाइल्ड के जरिए 42 बच्चों को जहां खोजकर उनके घर पहुंचाया, वहीं 150 बच्चों की बारे में पता करके उनके घर उनको पहुंचाने की प्रक्रिया में लगा हुआ है।

देश में हर दिन लापता हो रहे बच्चों की को ढूढ़ने और उनका डाटा बेस तैयार करने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार ने ट्रैक द मिसिंग चाइल्ड नाम से एक वेब पोर्टल बनाया है। जिसके साथ मिलकर उत्तर प्रदेश पुलिस गुमशुदा बच्चों को उनके परिवार से मिलाने के अभियान में सहयोगी की भूमिका निभा रहा है। इस बारे में उत्तर प्रदेश के डीजीपी जावीद अहमद का कहना है, “प्रदेश में बच्चों के कल्याण के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। जिसमें ऑपरेशन स्माइल में जहां 418 और ऑपरेशन मुस्कान में 716 बच्चों को उनके परिजनों को मिलाया गया है।”

प्रदेश में बच्चों के कल्याण के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। जिसमें ऑपरेशन स्माइल में जहां 418 और ऑपरेशन मुस्कान में 716 बच्चों को उनके परिजनों को मिलाया गया है।
जावीद अहमद, डीजीपी, उत्तर प्रदेश।

रिपोर्ट लिखवाने से पहले

अगर आपका या आपके आसपास किसी का बच्चा गुगशुदा हो गया है और उसके बारे में आपको कोई जानकारी नहीं मिल रही है तो आप ट्रेक द मिसिंग चाइल्ड की वेबसाइट पर जाकर क्लिक करें। वहां पर स्टेट के आप्शन पर जाकर यूपी को सेलेक्ट करके अपने बच्चों का पूरा डिटेल दें। साथ ही पुलिस की तरफ से बरामद किए गए बच्चों के फोटो और उनके फीचर से अपने बच्चे का मिलान करें। इसकी मदद से आपको बच्चे को खोजने में मदद मिलेगी।

एक हेल्पलाइन नंबर भी

यह वेब पोर्टल रोजाना अपडेट किया जाता है कि कितने बच्चे बरामद किए गए और कितनों को उनके घर पहुंचा गया। इतना ही नहीं, कितने बच्चों का गुमशुदा का मामला दर्ज हुआ। यहां पर आम लोगों की मदद के लिए 9830920103 नंबर भी दिया गया है। यहां पर कॉल करके भी सहायता ले सकते हैं।

एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का भी सहयोग

मानव तस्करी को रोकने के लिए प्रदेश के 35 जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का गठन किया जा चुका है। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग भी बच्चों की रेक्स्यू में मदद कर रहा है। पिछले साल एएचटीयू की मदद से 184 बच्चों का रेस्क्यू कराया गया है। प्रदेश के बाकी जिलों में भी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का गठन किया जा रहा है। पिछले दिनों एक अधिसूचना जारी करके 35 जिलों में चल रहे एएचटीयू को थाना घोषित कर दिया गया है। यहां पर बच्चों से संबंधित मामलों की रिपोर्ट दर्ज करवाई जा सकती हैं।

     

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