सेना की जासूसी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, ग्यारह गिरफ्तार

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सेना की जासूसी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, ग्यारह गिरफ्तारपकड़े गए गिरोह के सदस्य।

गाँव कनेक्शन संवाददाता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश एटीएस ने अवैध रूप से टेलीफोन एक्सचेंज चलाकर अंतर्राष्ट्रीय फोन कॉल करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 11 अभियुक्तों को लखनऊ, हरदोई सीतापुर और नई दिल्ली मेहरौली से गिरफ्तार किया है।

जम्मू-कश्मीर मिलिट्री इंटेलीजेंस को सूचना मिल रही थी कि कुछ भारतीय नंबरों से जासूसी करने के उद्देश्य से आर्मी यूनिट्स पर कॉल आ रहे थे। एटीएस यूपी ने इन नंबरों की जांच की तो पाया कि अवैध टेलफोन एक्सचेंज के माध्यम से भारत के बाहर से कॉल किए जा रहे हैं, लेकिन डिस्पले पर भारत का ही नंबर दिखता है।

यूपी एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक असीम अरुण ने कहा, “एटीएस द्वारा सिम बाक्स का भंडाफोड़ करने से जासूसी कर रहे एजेंटों का काम मुश्किल हो जाएगा। अब ये अंतर्राष्ट्रीय फोन गेटवे से बचकर कॉल नहीं कर पाएंगे। इसके लिए सेना और टर्म सेल के साथ मिल कर अन्य ऐसे ऑपरेटरों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इससे आतंकवादियों और जासूसों का काम मुश्किल तो होगा ही, सरकार और मोबाइल कंपनियों को हो रही करोड़ों रुपयों की हानि भी बचेगी।”

पकड़े गए लोगों के बारे में जानकारी देते एटीएस के अधिकारी।

विदेश में बैठा हुआ कोई व्यक्ति अगर आपको किसी भारतीय आईएसडी कोड +91 के जरिये कॉल करे और ये कहे कि वह विदेश में है तो सतर्क हो जाएं। ऐसे किसी भी कॉल का हल्के में न लें। इसकी जानकारी पुलिस और टेलीकॉम रेग्यूलेरटी अथॉरिटी को दें। ये अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के जरिये करवाई जाने वाली आईएसडी कॉल है। जो कि देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। अरुण ने कहा कि सुरक्षा कारणों से इस प्रकरण को बेहद गंभीरता से लेते हुए एटीएस की टीमों को सक्रियता से लगाया गया। उन्होंने बताया, “कुछ दिनों से जानकारी मिल रही थी कि विदेशों से भारत में सस्ते फोन कॉल करने के लिए कुछ आपराधिक तत्व अवैध रूप से पैरलल टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे हैं।

इसके अंतर्गत विदेश में बैठा व्यक्ति भारत को इंटरनेट कॉल करता है और सिम बाक्स के माध्यम से वायस काल में बदल कर भारत के जिन नंबर पर विदेश में बैठा व्यक्ति बात करना चाहता है, ये लोग बात करा देते हैं और भारतीय नंबर पर विदेशी नंबर की जगह हिंदुस्तान का ही नंबर दिखता है।”

इन लोगों को किया गया गिरफ्तार

राजेश साहनी ने बताया, “एटीएस की टीमों ने टर्म सेल के अधिकारियों एवं स्थानीय पुलिस के सहयोग से लखनऊ से सीतापुर निवासी राहुल रस्तोगी और शिवेंद्र मिश्रा, अमीनाबाद निवासी हर्षित गुप्ता, राजाजीपुरम निवासी विशाल कक्कड़, बुलंदशहर निवासी राहुल सिंह को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों के पास से तीन लैपटॉप, 12 सिम बाक्स, लगभग 87 सिम, 25 मोबाइल फोन डाटाकार्ड तथा अन्य सहवर्ती संचार सामग्री बरामद किया गया।” हरदोई से अभियुक्त विनीत कुमार दीक्षित को गिरफ्तार कर उसके पास से 16 एवं 32 स्लाट के दो सिमबाक्स, 13 सिमकार्ड वोडाफोन, दो लैपटाप, दो पेनड्राइव और चार मोबाइल फोन बरामद किए गए। अरुण ने कहा, “सीतापुर से अभियुक्त ऋषि होरा, श्याम बाबू, उत्तम शुक्ला, विकास वर्मा को गिरफ्तार किया गया।

भारतीय टेलीफोनिक अर्थव्यवस्था की भी कर रहे थे चोरी

अभियुक्तों के इस कार्य से भारत की सुरक्षा को खतरा पहुंचने के साथ-साथ करोड़ों रुपयों की भारतीय टेलीफोनिक अर्थव्यवस्था की चोरी होती है। केंद्रीय दूरसंचार विभाग के टर्म सेल लखनऊ शाखा से संपर्क किया गया तो टर्म सेल के अधिकारियों ने बताया कि भारत में इंटरनेट से भारत के किसी भी मोबाइल या लैंडलाइन नेटवर्क पर कॉल वैध नहीं है और जो भी कॉल हो वह भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों एवं शर्तों के अधीन हो। टेलीफोन कंपनियों का भी दायित्व बनता है कि प्रत्येक तीन माह में जारी सिमों का सत्यापन भी करें। अरुण ने बताया, “इन अवैध एक्सचेंजों का पता लगाने के लिए एटीएस के अपर पुलिस अधीक्षक राजेश साहनी के नेतृत्व में कई टीमों को लगाया गया। प्राप्त सूचनाओं तथा मोबाइल नंबरों की गहनता से किए गए विश्लेषणों से यह जानकारी हुई कि इस तरह के अवैध टेलीफोन एक्सचेंज लखनऊ, सीतापुर हरदोई जनपदों में भी संचालित हैं।”

   

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