अमेरिकी सीमा पर रोती हुई बच्ची की तस्वीर को वर्ल्ड प्रेस फोटो पुरस्कार

यह तस्वीर उस वक्त ली गई थी जब जब होंडुरास की नागरिक सैंड्रा सांचेज और उनकी बेटी यनेला अवैध रूप से सीमा पार करते वक्त अमेरिकी-मैक्सिकन सीमा पर पकड़ी गई थीं।

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अमेरिकी सीमा पर रोती हुई बच्ची की तस्वीर को वर्ल्ड प्रेस फोटो पुरस्कार

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। अमेरिकी सीमा पर एक छोटी लड़की की असहाय रूप से रोने की तस्वीर ने प्रतिष्ठित वर्ल्ड प्रेस फोटो पुरस्कार जीता है। कनाडा के एमर्स्टडम में आयोजित इस पुरस्कार समारोह में इस फोटो के फोटोग्राफर जॉन मूर को यह पुरस्कार मिला। वह प्रसिद्ध फोटो एजेंसी गेटी इमेज के अनुभवी फोटोग्राफर हैं।

यह तस्वीर उस वक्त ली गई थी जब जब होंडुरास की नागरिक सैंड्रा सांचेज और उनकी बेटी यनेला अवैध रूप से सीमा पार करते वक्त अमेरिकी-मैक्सिकन सीमा पर पकड़ी गई थीं। अमेरिकी सुरक्षाकर्मी उन्हें हिरासत में ले कर उनकी जांच कर रहे थे। यह 12 जून की रात की घटना थी और मूर रियो ग्रांड वैली में यूएस बॉर्डर पैट्रोल एजेंटों की तस्वीरें ले रहे थे। इसके कुछ ही समय बाद मूर ने अमेरिका के नेशनल पब्लिक रेडियो के प्रसारक को एक साक्षात्कार में कहा था, "मैं उनके चेहरे पर, उनकी आंखों में साफ-साफ डर देख सकता था।"

गौरतलब है कि सीमा पर कड़ी जांच संबंधी अमेरिका की विवादित नीति के कारण हजारों प्रवासियों को उनके बच्चों से अलग कर दिया गया था, जिसे लेकर दुनिया भर में अमेरिकी सरकार की आलोचना हुई थी। निर्णायक मंडल में शामिल जजों ने कहा, इस तस्वीर में दिखने वाली हिंसा सामान्य हिंसा से अलग एक मानसिक हिंसा है। अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने बाद में कहा था कि यनेला और उसकी मां अलग नहीं हुए थे। इस फोटो के बाद सार्वजनिक रूप से हुए चौतरफा विरोध के चलते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले साल जून में उस नीति को वापस ले लिया था।

  

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