दीमा हसाओ में बोरोरोबी के ग्रामीणों ने खुद बनाई छह किलोमीटर लम्बी सड़क 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   22 Dec 2016 5:32 PM GMT

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दीमा हसाओ में बोरोरोबी के ग्रामीणों ने खुद बनाई छह किलोमीटर लम्बी सड़क प्रतीकात्मक फोटो।

गुवाहाटी (भाषा)। बार-बार गुहार लगाने के बावजूद असम सरकार की तरफ से कोई प्रगति नहीं होते देख राज्य के दीमा हसाओं में बोरो रोबी के ग्रामीणों ने समाज के सामने एक मिसाल पेश करते हुए अपने दम पर छह किलोमीटर सड़क का निर्माण कर सरकार को आईना दिखाया दिया और दुनिया की नजरों से दूर अपने खूबसूरत गाँव के साथ खुद इस जहां से अपना नाता जोड़ लिया है।

वर्षों से प्रशासन का दरवाजा खटखटाने के बाद ग्रामीण इस समस्या का हल निकालने के लिए एक सामाजिक कार्यकर्ता अचिंग जेम के पास पहुंचे।

ग्रामीण कई बार सरकार के पास इस समस्या लेकर गए लेकिन कभी भी उनके तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके बाद वे लोग मेरे पास आए और आग्रह किया कि अगर मैं उन लोगों को सहयोग कर संकू तो वे लोग अपने दम पर खुद से पहल कर सड़क का निर्माण कर सकते हैं।
अचिंग जेम सामाजिक कार्यकर्ता

जेम ने बताया, शुरुआत में, मुझे उनके प्रस्ताव पर थोड़ा आश्चर्य भी हुआ। फिर उन लोगों की हालत देखने के बाद अंतत: मैंने कुछ करने का फैसला किया।

शुरुआती पड़ताल के बाद यह निश्चित हुआ कि सड़क बनाकर बोरो रोबी को जायकांग गाँव के साथ जोड़ा जाए जहां मनरेगा के तहत मोटर चलने लायक सड़क बनाई गई है।

जेम ने कहा, ‘‘लगभग छह किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई है। बोरो रोबी के लोगों को जटिंगा की तरफ से एक पहाड़ को पारकर कहीं जाना पड़ता था। इसलिए हमलोगों ने गाड़ी चलने लायक सड़क बनाने का निश्चय किया ताकि लोग कम-से-कम बिना किसी परेशानी के आवाजाही कर सके।''

उस सामाजिक कार्यकर्ता ने गाँव के लोगों से इस परियोजना के लिए काम शुरू करने से पहले 20,000 रुपए की व्यवस्था करने के लिए कहा।

मैंने खुद इसमें 60,000 रुपए का सहयोग दिया और शुरुआती 80,000 रुपए के बजट के साथ पिछले महीने हमने इस पर काम करना शुरू किया। सड़क निर्माण के लिए हमारी कुल अनुमानित लागत 1.5 लाख रुपए की थी। जिसके बाद हमने दोस्तों और शुभचिंतकों से भी सहयोग का आग्रह किया, जिन्होंने 40,000 रुपए की सहयोग राशि दी।
अचिंग जेम सामाजिक कार्यकर्ता

उन्होंने बताया कि इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से भी चंदा आने लगा। सड़क निर्माण का कार्य 26 नवंबर को शुरू हुआ था और इसी हफ्ते इस काम को पूरा भी कर लिया गया है। दीमा हसाओ के लगभग 30 गाँव में सड़क नहीं है। जेम ने बताया, ‘‘उन गाँवों में बिजली की समस्या भी बहुत दयनीय अवस्था में है। जिले के 30 प्रतिशत गाँव यानी करीब 25 से 30 गाँवों में बिजली नहीं है।

जेम ने कहा, ‘‘बिजली कनेक्शन के लिए भी हमलोग सरकार के पास जाएंगे। हाल के दिनों में कुछ गाँवों ने बिजली लाने को लेकर खुद से पहल भी की है।'' जिला प्रशासन के एक प्रवक्ता ने बताया कि उन्हें स्थानीय स्तर पर हो रहे इन प्रयासों के बारे में जानकारी थी।

      

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