मध्याह्न भोजन योजना में बच्चों को केले और अंडे भी खिलाएगी केजरीवाल सरकार
गाँव कनेक्शन 9 March 2017 8:18 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन में अब केले और अंडे भी दिए जाएंगे, जिससे उनका खाना पहले से ज्यादा पौष्टिक होगा। मध्याह्न भोजन पर आने वाला खर्च तो केंद्र सरकार वहन करती है, लेकिन दिल्ली सरकार ने खाने में पौष्टिकता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त धन खर्च करने का फैसला किया है।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कल 2017-18 का बजट पेश करते वक्त इसकी घोषणा की थी। अपने वार्षिक बजट में मध्याह्न भोजन योजना के लिए 55 करोड़ रुपए आवंटित करते हुए दिल्ली सरकार ने इसका दायरा बढ़ाकर 9वीं से 12वीं कक्षा तक के बालिका विद्यालयों तक करने की योजना भी बनाई है।
शिक्षा निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘पहली से लेकर आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के क्रियान्वयन के लिए केंद्र पूरी सहायता प्रदान करता है। बहरहाल, भोजन में गुणवत्ता के साथ कैलरी और पोषण का जरुरी स्तर सुनिश्चित करने के लिए यह अनुदान बहुत कम होता है।''
उन्होंने कहा, ‘‘हमने फैसला किया है कि दिल्ली सरकार के संसाधनों का इस्तेमाल करके प्रत्येक छात्र को केला और उबला हुआ अंडा दिया जाएगा ताकि उनकी मौजूदा पौष्टिक खुराक में थोड़ी और बढोत्तरी हो।'' स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत दिए जाने वाले खाने की गुणवत्ता पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं।
साल 2015 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से गठित समिति, जिसमें एम्स के विशेषज्ञ शामिल थे, ने सिफारिश की थी कि मध्याह्न भोजन में दूध और दूध से बने उत्पादों, अंडों और केलों को शामिल किया जाए। बहरहाल, भोजन की गुणवत्ता में बढोत्तरी राष्ट्रीय स्तर पर अभी नहीं की गई है।
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