मध्यप्रदेश के शख्स ने लोकसभा की दर्शकदीर्घा से कूदने का प्रयास किया
गाँव कनेक्शन 25 Nov 2016 2:50 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। लोकसभा में शुक्रवार को उस समय अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई जब दर्शकदीर्घा में बैठे एक व्यक्ति ने सदन की कार्यवाही स्थगित होने के तुरंत बाद सदन में कूदने का प्रयास किया लेकिन सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ कर काबू में कर लिया।
नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सुबह 11:20 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही 40 मिनट के लिए स्थगित की, उसी समय विपक्ष के एक सांसद ने दर्शकदीर्घा की ओर इशारा किया जहां सुरक्षा कर्मी एक व्यक्ति को पकड़े हुए थे। एक बार के स्थगन के बाद दोबारा चल रही सदन की बैठक में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन को जानकारी दी कि दर्शकदीर्घा से नीचे कूदने का प्रयास करने वाला शख्स मध्य प्रदेश के शिवपुरी के निजामपुर गाँव का रहने वाला राकेश सिंह बघेल है।
उन्होंने घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए सदन को सूचित किया कि इस शख्स ने सदन में कूदने का प्रयास किया और संसद के सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड लिया। अध्यक्ष ने कहा कि यदि सदन सहमत हो तो, ‘‘संसदीय सुरक्षा अधिकारियों द्वारा पूछताछ के बाद इस शख्स को चेतावनी देकर छोडा जा सकता है।'' इस पर संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सदस्य अध्यक्ष के प्रस्ताव से सहमत हैं। नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही घटनाक्रम की जानकारी देने के तत्काल बाद करीब 12 बजकर 40 मिनट पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के एक सदस्य ने जब इशारा किया तो यह बात सामने आई कि वह व्यक्ति दर्शकदीर्घा से नीचे सभा में कूदने का प्रयास कर रहा था। उसका दाहिना पैर दीर्घा से लगे लकडी के घेरे के उपर था और तभी सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। वह व्यक्ति दर्शकदीर्घा में ऊपर उस तरफ था जिस ओर सत्ता पक्ष के सदस्य बैठते हैं।
उस व्यक्ति को काबू में करके सुरक्षाकर्मी ले गए। उसके बाद लोकसभा की कार्यवाही देखने आए अन्य दर्शकों को बाहर आने दिया गया। दर्शकदीर्घा में अगली कतार में सामान्य तौर पर दिल्ली पुलिस के कर्मी सादी वर्दी में बैठते हैं ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके। इस घटनाक्रम के दौरान स्पीकर आसन से उठकर जा चुकी थीं वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में उपस्थित नहीं थे। लेकिन उस समय अरुण जेटली समेत कुछ वरिष्ठ मंत्री सदन में मौजूद थे। सदन में मुलायम सिंह यादव सहित कुछ वरिष्ठ नेता भी उस समय उपस्थित थे।
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