26/11‬‬ की आठवीं बरसी पर महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, मुम्बई पुलिसकर्मियों पर मुझे गर्व है  

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   26 Nov 2016 11:39 AM GMT

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26/11‬‬ की आठवीं बरसी पर महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, मुम्बई पुलिसकर्मियों पर मुझे गर्व है   मुम्बई हमले की आज आठवीं बरसी है। 

मुंबई (भाषा)। मुंबई शहर में आठ साल पहले 26/11 को हुए आतंकी हमले की आज आठवीं बरसी है। 26/11/2008 को आज के दिन मुम्बई आतंकी हमला में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने प्राण न्यौछावर करने वालों को आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने दक्षिण मुंबई के मुंबई पुलिस जिमखाना में 26/11 पुलिस स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

फडणवीस ने कहा, ‘‘मुंबई की सुरक्षा के लिए लड़ने वाले और 26 नवंबर को हमारे लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले पुलिसकर्मियों को मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हमें उन पर गर्व है और हम अपने राज्य की सुरक्षा के लिए कठिन प्रयास करेंगे।'' उन्होंने बताया, ‘‘हम पुलिस बल को बेहतर उपकरणों से लैस करेंगे। यह हमारी प्राथमिकता है।''

समारोह में राज्यपाल सी विद्यासागर राव, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त जुलिओ रिबेरो, एम एन सिंह और कई वरिष्ठ और पूर्व पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। महाराष्ट्र पुलिस के प्रमुख सतीश माथुर और मुंबई के पुलिस आयुक्त दत्ता पडसालगीकर अधिकारिक ड्यूटी पर बाहर थे और समारोह में उपस्थित नहीं हो सके।

नवंबर 2008 में हुए आतंकी हमले के दौरान प्राण गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के परिवार वाले भी समारोह के दौरान उपस्थित थे।

मुम्बई हमले की यादें

समुद्री रास्ते से 26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादी यहां पहुंचे और लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें 18 सुरक्षा कर्मियों सहित 166 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे। आतंकियों ने करोड़ों रुपए की संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया था।

उस समय के एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे, सेना के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक कामटे और वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर विजय सालस्कर सहित कई अन्य लोग हमले में मारे गए थे। यह हमला 26 नवंबर को शुरू हुआ था और यह 29 नवंबर तक जारी रहा था।

छत्रपत्रि शिवाजी टर्मिनस, ओबरॉय ट्राइडंट, ताजमहल पैलेस एंड टॉवर, लेपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन हॉउस यहूदी सामुदायिक केंद्र आदि वह स्थान थे जिन्हें आतंकवादियों ने निशाना बनाया था।

अजमल कसाब एकमात्र आतंकवादी था जिसे जिंदा पकड़ा गया। चार साल के बाद उसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गयी थी।

         

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