सभी अमान्य नोटों के बदले नई करेंसी जारी नहीं की जाएगी : जेटली 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   17 Dec 2016 2:38 PM GMT

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सभी अमान्य नोटों के बदले नई करेंसी जारी नहीं की जाएगी  :   जेटली केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली व अन्य मंत्री।

नई दिल्ली (भाषा)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संकेत दिया कि 15.44 लाख करोड़ रुपए के पुराने अमान्य नोटों के स्थान पर इतनी ही राशि की नई करेंसी जारी नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल करेंसी अंतर को पूरा करेगी।

वित्त मंत्री ने 500 रुपए और 1,000 रुपए के पुराने नोटों को अमान्य किए जाने को एक साहसिक कदम बताया और कहा कि भारत में इतनी क्षमता है कि वह इस तरह के कदम उठा सके और इसका अनुभव उठा सके। जेटली ने कहा कि उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को अमान्य करने के फैसले से एक नई सोच और सामान्य चलन स्तर बना है. इससे पहले, पिछले सात दशक से जो सामान्य चलन था, वह ‘‘स्वीकार्य नहीं'' है।

जेटली ने फिक्की की 89 वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित कहते हुए कहा कि नोटों को अमान्य करने के कदम से अर्थव्यवस्था, चलन में अधिक नकदी की समस्या से बाहर निकलेगी। अधिक नकदी से कर चोरी, कालाधन और अपराध के लिये करेंसी का इस्तेमाल जैसी समस्याएं खड़ी होती हैं।

नोटबंदी की इस पहल के पीछे यह प्रयास रहा है कि चलन में कम नकदी को ही रखा जाए। हमारा यह सोचा समझा प्रयास है कि बाकी अंतर को डिजिटल करेंसी के जरिए ही पूरा किया जाए।
अरुण जेटली वित्त मंत्री

सरकार ने आठ नवंबर को अचानक जब नोटबंदी की घोषणा की थी, तब 500 रुपए के 1,716.50 करोड़ और 1,000 रुपए के 685.80 करोड़ नोट चलन में थे।

उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए जेटली ने आगे कहा, ‘‘पुराने नोटों के स्थान पर नई मुद्रा को चलन में लाने की पूरी प्रक्रिया में ज्यादा समय नहीं लगेगा और मुझे पूरा विश्वास है कि रिजर्व बैंक रोजाना बैंकिंग तंत्र और डाकघर प्रणाली के जरिए नई मुद्रा पहुंचाकर इसे जल्द पूरा कर लेगा।''

जेटली ने कहा कि दूसरी तरफ भुगतान के लिए डिजिटल प्रणाली का इस्तेमाल बढ़ाने के काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। ‘‘पिछले पांच सप्ताह के दौरान जिस तरह से यह काम आगे बढ़ा है, वह सराहनीय है, यह सब जो हो रहा है, लगता है कि संसद का एक वर्ग इससे अनभिज्ञ है।''

एक नया सामान्य चलन कायम होगा

वित्त मंत्री ने कहा कि एक बार नए नोट जारी करने की प्रक्रिया पूरी हो जाए तो उसके बाद देश में एक नया सामान्य चलन कायम होगा। इससे पहले पिछले 70 वर्षों से जो कुछ चला आ रहा था वह स्वीकार्य सामान्य स्तर नहीं था।

वित्त मंत्री ने कहा कि अधिक नकदी वाली अर्थव्यवस्था के चलते कई तरह की असामान्य बातें सामने आईं हैं। ऐसी अर्थव्यवस्था में कर अनुपालन नहीं होना, करेंसी का इस्तेमाल अपराध जैसे कार्यों के लिए करना, कर के दायरे से बचना तथा बैंकिंग प्रणाली से दूर रहना।

दुनिया से अलग दिखता है भारत

सरकार ने उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को वापस लेने का जो ‘‘साहसिक कदम'' उठाया है जिसमें बड़ी संख्या में पुरानी मुद्रा के स्थान पर नई मुद्रा को जारी किया जाना है। ‘‘वास्तविकता यह है कि भारत के पास आज ऐसे निर्णय लेने और उन्हें लागू करने की क्षमता है। विशेषकर जब पूरी दुनिया का नजरिया आंतरिक ज्यादा हो रहा है, ऐसे माहौल में जहां तक भारत की बात है वह दुनिया से अलग दिखता है।''

जेटली ने देश की मजबूती की भी बात की जो कि नोटबंदी जैसे फैसले में भी अडिग रह सकता है। यह ऐसा फैसला है जिसमें अल्पकालिक असुविधा को सहन कर स्पष्ट तौर पर दीर्घकालिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

डिजिटल लेनदेन बढ़ेगा

वित्त मंत्री इस बात को लेकर भी संतुष्ट दिखे कि मौजूदा 75 करोड़ डेबिट और क्रेडिट कार्ड के साथ साथ ई-वॉलेट जो चल रहे हैं उनसे डिजिटल लेनदेन को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इन बदलावों को सही मुकाम तक पहुंचाया जाना चाहिेए।

उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर भुगतान के डिजिटलीकरण की दिशा में रूझान दिखने लगे हैं। उन्होंने कहा कि दिशा को लेकर सरकार में स्पष्टता है, उसमें इन फैसलों के साथ आगे बढ़ने के लिए मजबूती और सहनशक्ति है।

       

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