पैतृक आभूषणों और घोषित आय से खरीदे गए सोने पर कोई कर नहीं लगेगा
Sanjay Srivastava 1 Dec 2016 5:45 PM GMT

नई दिल्ली (भाषा)। सरकार ने आज कहा कि संशोधित कर कानून के तहत पैतृक आभूषण और स्वर्ण पर कोई कर नहीं लगेगा। इसके साथ ही घोषित आय या कृषि आय से खरीदे गए सोने पर भी कोई कर नहीं लगाया जाएगा।
लोकसभा ने इस सप्ताह की शुरुआत में कराधान कानून (दूसरा संशोधन) विधेयक को पारित कर दिया। इसमें कर अधिकारियों द्वारा तलाशी और जब्ती के दौरान खोजी गयी अघोषित संपत्ति पर 85 प्रतिशत कर और जुर्माने का प्रावधान है।
संशोधित कानून के दायरे में आभूषणों को भी शामिल किये जाने संबंधी अफवाहों को दूर करते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि सरकार ने आभूषण पर कर लगाने के संदर्भ में कोई नया प्रावधान नहीं जोड़ा है।
घोषित आय या कृषि आय जैसी छूट प्राप्त आय अथवा उपयुक्त घरेलू बचत अथवा विरासत में मिले आभूषण या सोना जिसके बारे में आय स्रोत की जानकारी है, की खरीद पर न तो मौजूदा प्रावधान और न ही प्रस्तावित संशोधित प्रावधानों के तहत कर लगाया जाएगा।केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आयकर विभाग द्वारा तलाशी अभियान के दौरान अगर विवाहित महिला के पास 500 ग्राम, प्रत्येक अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम तथा परिवार के प्रत्येक पुरुष के पास यदि 100 ग्राम सोना और गहने पाये जाते हैं तो उसकी जब्ती नहीं होगी।
सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि ‘‘किसी भी सीमा तक कानूनी रूप से वैध आभूषणों को रखने पर कोई कर नहीं लगेगा और यह पूरी तरह सुरक्षित है।''
विधेयक फिलहाल राज्यसभा में विचाराधीन है। इसमें आयकर कानून की धारा 115 बीबीई में संशोधन का प्रस्ताव किया है जिसके तहत कालाधन रखने वालों पर 60 प्रतिशत की उंची दर से कर तथा उस पर 25 प्रतिशत अधिभार (कुल 75 प्रतिशत) लगेगा।
इसमें एक और प्रावधान शामिल किया गया है जिसके तहत आयकर अधिकारी को अगल लगता है कि अघोषित आय कालाधन है, वह 10 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना लगा सकता है. इस प्रकार, कुल शुल्क 85 प्रतिशत होगा।
सीबीडीटी ने कहा, ‘‘धारा 115 बीबीई के तहत कर की दर अघोषित आय पर ही बढाने का प्रस्ताव है क्योंकि ऐसी रिपोर्ट है कि कर चूककर्ता अपनी अघोषित आय को व्यापार आय के रुप में आय रिटर्न या अन्य स्रोत से आय दिखाने की कोशिश में लगे हैं।''
उसने कहा, ‘‘धारा 115बीबीई के प्रावधान मुख्य रुप से उन मामलों में लागू होंगे जहां संपत्ति या नकद आदि को अघोषित नकद या संपत्ति घोषित की जाती है या इसे अप्रमाणिक व्यापार आय के रुप में छिपा कर रखा जाता है और आयकर अधिकारी इसका पता लगाता है।
विधेयक में तलाशी और जब्ती मामलों में आयकर कानून के तहत जुर्माना तीन गुना बढाकर 30 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है जो फिलहाल 10 या 20 प्रतिशत है, इस कदम का मकसद कालाधन रखने वालों को हतोत्साहित करना है।
संसद द्वारा संशोधन के पारित होने पर अगर व्यक्ति अघोषित आय की जानकारी देता है और कर का भुगतान करता है तो उसपर 30 प्रतिशत जुर्माना लगेगा। इससे कुल कर प्रभाव और जुर्माना 60 प्रतिशत होगा।
सरकार ने धारा 271एएबी में संशोधन का प्रस्ताव करते हुए अन्य मामनों में 60 प्रतिशत जुर्माने का प्रावधान बरकरार रखने का फैसला किया है. इससे कर प्रभाव तथा जुर्माना 90 प्रतिशत बनता है।
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