कुछ भी गलत नहीं किया, आरोप लगाने वाले जूते खाएंगे: रिजिजू    

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   13 Dec 2016 8:38 PM GMT

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कुछ भी गलत नहीं किया, आरोप लगाने वाले जूते खाएंगे: रिजिजू     केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू।

नई दिल्ली (भाषा)। अरुणाचल प्रदेश में ऊर्जा परियोजनाओं में कथित घोटाले को लेकर निशाने पर आए केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उनके खिलाफ खबरें ‘प्लांट' करने वालों को ‘जूतों से पीटा जाएगा'।

तवांग से सांसद रिजिजू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जो न्यूज प्लांट कर रहे हैं वो हमारे यहां आएंगे तो जूता खाएंगे।'' वह मीडिया में आई उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिनमें कहा गया था कि उन्होंने उर्जा मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर अरुणाचल प्रदेश में जलविद्युत परियोजनाओं के बिलों को जल्द मंजूरी देने को कहा है।

गृह राज्यमंत्री रिजिजू ने कहा कि उन्होंने गोयल को पत्र लिखा क्योंकि बतौर सांसद उनके मतदाताओं ने उन्हें जो बताया है उस पर कार्रवाई करना उनका कर्तव्य है। रिजिजू ने कहा, ‘‘लंबित बिलों के बारे में मेरे निर्वाचन क्षेत्र अरुणाचल पश्चिम के कुछ लोगों ने मुझे बताया था जिसके बाद मैंने ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखा। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है और कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है।''

खबरों में दावा किया गया था कि रिजिजू और उनके संबंधी अरुणाचल प्रदेश में कांट्रेक्टर का काम करने वाले गोबोई रिजिजू के अलावा सरकारी उपक्रम एनईईपीसीओ के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक समेत कई शीर्ष अधिकारियों का नाम पीएसयू के मुख्य सतर्कता अधिकारी सतीश वर्मा की 129 पन्नों की रिपोर्ट में आया है।

खबर के मुताबिक पीएसयू के मुख्य सतर्कता अधिकारी सतीश वर्मा की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि अरुणाचल की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं में से एक 600 मेगावॉट की कमांग जलविद्युत परियोजना के लिए दो बांधों के निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है। एनईईपीसी केंद्रीय उर्जा मंत्रालय के अंतर्गत आता है। वर्मा की रिपोर्ट इस साल जुलाई माह में सीबीआई, सीवीसी और ऊर्जा मंत्रालय को भेजी गई थी।

इसमें कांट्रेक्टर, एनईईपीसीओ के अधिकारियों और पश्चिमी कमांग जिला प्रशासन पर एनईईपीसीओ और सरकार को ‘‘450 करोड़ रुपए'' तक का चूना लगाने का आरोप लगा था। परियोजना स्थल पश्चिमी कमांग अरुणाचल पश्चिम में आता है और रिजिजू का संसदीय क्षेत्र है। सीबीआई ने दो बार ‘‘औचक निरीक्षण'' किया था लेकिन कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी।

    

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