भारतीय स्टेट बैंक ने कहा, ब्याज दरें और घट सकती हैं
Sanjay Srivastava 20 Nov 2016 7:25 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। नोटबंदी के बाद बैंकिंग प्रणाली में जो अतिरिक्त नकदी आ रही है, वह जल्द वापस नहीं निकलेगी। इससे भविष्य में ब्याज दरों को नीचे लाने में मदद मिलेगी। देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने आज यह बात कही।
एसबीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार के हालिया नोटबंदी कदम स्वागतयोग्य है। भारी मात्रा में पैसा बचत और चालू खातों में आ रहा है, इस भारी राशि से प्रणाली में अधिशेष तरलता की स्थिति बनी है। हमारा मानना है कि यह जल्दबाजी में नहीं निकलेगा। इससे ब्याज दरें और नीचे आएंगी।''
सरकार ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की। सरकार ने लोगों को पुराने नोटों को अपने बैंक खातों में जमा करने के लिए 50 दिन का समय दिया है, इस वजह से एसबीआई का नकद जमा 17 नवंबर तक 1.27 लाख करोड़ रुपए बढ़ गया।
एसबीआई का मानना है कि इसके अलावा इससे मुद्रास्फीति भी चार प्रतिशत से नीचे आएगी। अक्तूबर में खुदरा मुद्रास्फीति 4.20 प्रतिशत तथा थोक मुद्रास्फीति 3.39 प्रतिशत पर रही है।
अधिकारी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि नवंबर में मुद्रास्फीति घटकर चार प्रतिशत से नीचे आ जाएगी। इसके अलावा नोटबंदी से उपभोक्ता मांग प्रभावित होगी। ऐसे में हमें उम्मीद है कि 2016-17 में रेपो दर में 0.25 से 0.50 प्रतिशत की और कटौती हो सकती हैं।
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