अब नहीं होगा एचआईवी पीड़ितों से भेदभाव

गाँव कनेक्शन | Mar 22, 2017, 15:20 IST
जेपी नड्डा
नई दिल्ली (भाषा)। एचआईवी एड्स प्रभावित लोगों के उपचार, शिक्षण संस्थानों में दाखिले और रोजगार संबंधित विधेयक को मंगलवार को राज्यसभा ने पारित कर दिया है। इसके साथ ही बाकी जगह भी उनके साथ हो रहे भेदभाव की रोकथाम को सुनिश्चित करने के लिए यह विधेयक बनाया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के प्रस्ताव पर उच्च सदन ने मानव रोगक्षम अल्पता विषाणु और अर्जित रोगक्षम अल्पता संलक्षण (निवारण और नियंत्रण) विधेयक को मंजूरी दी। सरकारी संशोधनों के साथ ध्वनिमत से इसे पारित कर दिया गया है। नड्डा का कहना है कि कानून बनाते समय इस बात को ध्यान में रखा जाएगा कि भारत में इस रोग से संक्रमित हर व्यक्ति का उपचार किया जाएगा। उसके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा।

भारत के सक्रिय पहल की वजह से इस संक्रमण की दर विश्व की औसत गिरावट दर से कम हुई है। नड्डा के मुताबिक वैश्विक औसत गिरावट की दर 35 प्रतिशत है जबकि भारत में यह गिरावट दर 67 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि 100 कर्मचारियों की संख्या वाले संगठनों के लिए एक शिकायत अधिकारी होगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य केंद्र, जहां संक्रमण का खतरा अधिक रहता है, वहां 20 कर्मचारियों पर एक शिकायत अधिकारी होंगे।

विधेयक को 2014 में राज्यसभा में पेश किया गया था। इसे स्थायी समिति के पास भेजा गया। स्थायी समिति ने इस पर 11 सिफारिशें दी थीं जिनमें से 10 सिफारिशों को सरकार ने स्वीकार कर लिया है। नड्डा ने बताया कि सरकार चाहती है कि इससे प्रभावित लोगों के साथ शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सुविधाओं, जन सेवाओं और पैतृक संपत्ति अर्जित करने के मामले में कोई भेदभाव न हो। अगर भेदभाव होता है तो उसे एक दंडनीय अपराध माना जाएगा।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि देश में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम को काफी सफलता मिली है। इसके बावजूद अभी काफी कुछ करने की जरूरत है। ऐसे मामलों में मृत्यु की दर भारत में 54 प्रतिशत है जबकि इसकी औसत दर 41 फीसदी है।

तमिलनाडु में घट रही है एचआईवी पीड़ितों की संख्या

कांग्रेस के जयराम रमेश ने कहा कि इस विधेयक के लिए पिछले 25 वर्ष से प्रयास चल रहे हैं। देश में नगालैंड, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ आदि कई राज्यों में जहां अभी भी एचआईवी प्रभावित लोगों की बड़ी संख्या है वहीं तमिलनाडु में इसकी दर घट रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को राज्यों में ब्लड बैंक की कमी के बारे में भी ध्यान देना चाहिए। 24 से 45 वर्ष की आयु वर्ग वाले लोग इससे अधिक प्रभावित होते हैं।

भारत है तीसरा सबसे बड़ा एड्स प्रभावित देश

तृणमूल कांग्रेस के डी बंदोपाध्याय ने कहा कि भारत एचआईवी एड्स प्रभावित लोगों के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश है। लगभग 23 लाख एड्स प्रभावित लोग यहां रह रहें हैं। सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि इस विधेयक की स्थिति दहेज उत्पीड़न, दलित उत्पीड़न आदि विधेयकों की तरह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एचआईवी से सबसे ज्यादा ट्रक चालक प्रभावित होते हैं। इसकी जागरुकता के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में भी इस विषय को शामिल किए जाने पर जोर दिया गया।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Tags:
  • जेपी नड्डा
  • राज्यसभा
  • विधेयक
  • एचआईवी एड्स प्रभावित
  • भेदभाव की रोकथाम
  • अर्जित रोगक्षम अल्पता संलक्षण
  • मानव रोगक्षम अल्पता विषाणु
  • डी बंदोपाध्याय
  • HIV AIDS BILL
  • HIV AIDS BILL 2014

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.