नोटबंदी समाज में आर्थिक बराबरी लायेगी, समानांतर अर्थव्यवस्था को खत्म करेगी: मेघवाल 

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नोटबंदी समाज में आर्थिक बराबरी लायेगी, समानांतर अर्थव्यवस्था को खत्म करेगी: मेघवाल अर्जुनराम मेघवाल, केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली (भाषा)। नोटबंदी से हो रही दिक्कतें बहुत जल्द खत्म होने की उम्मीद व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि इससे आर्थिक प्रणाली में करेंसी वापस लौटने से समाज में आर्थिक बराबरी स्थापित होगी और कालाधन की समानांतर अर्थव्यवस्था को समाप्त करने में मदद मिलेगी।

मेघवाल ने कहा कि 50 दिनों पूरे होते होते हालात सामान्य होने शुरु हो गये हैं। नोटबंदी से छोटी अवधि में तकलीफें हुई हैं, लेकिन लंबी अवधि में इसका फायदा देखने को मिलेगा। नोटबंदी से काले धन पर अंकुश लगेगा। उन्होंने एक बार फिर जोर दिया कि नोटबंदी के कारण कुछ समय में आर्थिक गतिविधियों के बढने के कारण सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में दो प्रतिशत तक वृद्धि देखने को मिलेगी।

यह पूछे जाने पर नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने के बाद लोगों को किस तरह के फायदे पहुंचाने की पहल होगी, वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि नोटबंदी की योजना पूरी होने पर लाभांश के बारे में चर्चा होगी। सरकार ने अघोषित आय जमा करने के कई विकल्प दिए हैं। अघोषित आय का पैसा व्यवस्था में आने से फायदा होगा। जमा राशि के आकलन के बाद लाभांश पर बात होगी।

इस निर्णय से समाज में आर्थिक बराबरी स्थापित होगी। सरकार किसानों को आर्थिक रुप से मजबूत बनाने पर जोर दे रही है। किसानों को कर्ज चुकाने लायक बनाए जाने पर सरकार का ध्यान केन्द्रित होगा।
अर्जुनराम मेघवाल, केंद्रीय मंत्री

मेघवाल के कहा कि जनता की नजर में नोटबंदी का फैसला सही है और जनता प्रधानमंत्री के साथ है। नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में बड़ा सुधार आएगा। कालाधन की समानांतर अर्थव्यवस्था से देश को नुकसान था, महंगाई का भी यह एक बड़ा कारण था। ऐसे में नोटबंदी से आम लोगों की समस्या भी दूर होगी। राजस्व बढ़ेगा और जनता के लिए ज्यादा खर्च कर सकेंगे।

आयकर समेत कर ढांचे में बदलाव की संभावना के बारे में एक सवाल के जवाब में मेघवाल ने कहा कि वह बजट के बाद ही कर पर कुछ बोलेंगे। उन्होंने कहा कि भारत की जीडीपी में कर का योगदान कम है लेकिन नोटबंदी के बाद ये स्थिति नहीं रहेगी। नकदी निकालने की सीमा बढ़ने की संभावना के बारे में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि कैश के चलन की समीक्षा होगी और सरकार जनता के लिए सही फैसले लेगी।

मेघवाल ने कहा कि बड़े नोटों को अमान्य करने के निर्णय का आमतौर पर हर क्षेत्र के लोगों ने स्वागत किया है। युवा वर्ग प्रधानमंत्री के इस निर्णय के साथ खड़ा है। गाँव का गरीब आदमी मोदीजी के इस मुहिम के साथ है।

वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि लोगों को लगता है कि यह स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा है, जैसे स्वच्छ भारत अभियान में साफ सफाई का कार्य होता है, इसी प्रकार से नोटबंदी के निर्णय से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्यवस्था में सुधार और सफाई का कार्य होगा। नोटबंदी की आलोचना के बारे में एक सवाल के जवाब में मेघवाल ने कहा कि आठ नवंबर को जब प्रधानमंत्री ने इसकी घोषणा की थी तब उन्होंने कहा कि प्रारंभ में कुछ परेशानी पेश आयेगी और सभी से सुझाव भी मांगा था। तब से लेकर मीडिया, सोशल मीडिया समेत विभिन्न पक्षों से सुझाव आए और इन सुझावों के आधार पर 60 से अधिक परिपत्र सरकार ने जारी किये और इसके अनुरुप सुविधाएं प्रदान की। हमने संवेदनशील सरकार की तरह से लोगों का ख्याल रखा है जो हम सभी के लिए शुद्धि यज्ञ की तरह रहा है।

मेघवाल ने कहा कि सरकार लोगों की परेशानियों को दूर करने की पहल कर रही है, 500 रुपये के नोट चलन में आने पर लोगों को समस्याएं काफी कम हुई है। नोटबंदी के फैसले के बारे में आधे अधूरे तैयारी के विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद से इसकी तैयारी शुरु कर दी थी। संसद के केंद्रीय कक्ष में उन्होंने अपने पहले भाषण में कहा था कि यह सरकार गरीबों को समर्पित है। इसके बाद कालाधन के खिलाफ कदमों को आगे बढ़ाया। कालाधन पर एसआईटी का गठन किया, सख्त कानून बनाया, आईडीएस योजना पेश की, बेनामी सम्पत्ति के बारे में पहल की। यह सब तैयारी का ही हिस्सा था।

    

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