नोटबंदी पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

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नोटबंदी पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगितविपक्ष के हंगामे कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद आज दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।

नई दिल्ली (भाषा)। देश में 1000 और 500 रुपये के नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के मुद्दे पर गुरुवार को लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने मतदान के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराए जाने को लेकर भारी हंगामा किया, जिसे अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी। हालांकि सरकार इस बात पर कायम रही कि वह नियम 193 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। विपक्ष के हंगामे कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद आज दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।

गुरुवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होने पर कांग्रेस, तृणमूल, वाम दलों ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करने के कारण आम लोगों को हो रही परेशानियों और इस निर्णय को चुनिंदा तरीके से लीक करने का आरोप लगाते हुए कार्यस्थगित करके तत्काल चर्चा शुरु कराने की मांग की। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार, कालाधन और जाली नोट को खत्म करने और इसके आधार पर पनपने वाले आतंकवाद को खत्म करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है और इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने यह पहल की है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस विषय पर चर्चा कराने को तैयार हैं। विपक्ष इस पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया है। भारत सरकार इस पर नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है। पूरी जनता मोदी सरकार के इस निर्णय के साथ है। हम चर्चा को तैयार है, दूसरे सदन (राज्यसभा) में इस पर चर्चा शुरु हो चुकी है।'' नियम 193 में चर्चा के बाद मतविभाजन का प्रावधान नहीं है। लेकिन विपक्षी सदस्य इस पर तैयार नहीं थे और वे कार्यस्थगित करके चर्चा कराने की मांग करते रहे।

हालांकि अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मत विभाजन के प्रावधान के तहत इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि हमने नियम 56 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। सभी दल चाहते हैं कि इस पर कार्य स्थगित करके चर्चा करायी जाए। उन्होंने कहा कि हमने 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करने के निर्णय के कारण आम लोगों, किसानों, छोटे कारोबारियों को हो रहीं परेशानियों और आर्थिक संकट और इसे कथित रुप से लीक करने के विषय को लेकर नोटिस दिया है। और इस पर तत्काल चर्चा शुरु करायी जाए।

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि हमारी पार्टी ने इस मुद्दे पर कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। इसके कारण आम लोग, गरीब लोग काफी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि इस निर्णय पर रोक लगाई जाए। हम सभी भ्रष्टाचार के खिलाफ है और हम सब को मिलकर इससे निपटना है। राजद के जयप्रकाश नारायण यादव, माकपा के मोहम्मद सलीम ने भी कहा कि नोटबंदी के कारण लोग परेशान हैं। इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा करायी जाए। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने एक बार फिर सदस्यों से कहा कि सरकार चर्चा कराने को तैयार है। आप अपने स्थान पर जाएं। कांग्रेस, तृणमूल सदस्य ‘‘प्रधानमंत्री जवाब दो'' जैसे नारे लगाते रहे। अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल की कार्यवाही चलायी।

दोपहर 12 बजे शून्यकाल शुरु होने पर भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदल, अन्नाद्रमुक आदि के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करते रहे। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘‘आप शांति से बैठें तो चर्चा की अनुमति दे सकते हैं। सरकार इस पर चर्चा को तैयार है। लेकिन कार्यस्थगित करके चर्चा की अनुमति नहीं दी जा सकती। चर्चा हो सकती है, लेकिन इस प्रकार से नहीं।'' शोरशराबा जारी रहने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने 12 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही साढ़े 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर साढे 12 बजे बैठक पुन: शुरु होने पर भी स्थिति जस की तस थी।

खडगे ने कहा कि नियम 56 के तहत चर्चा में पूरा सदन भाग लेगा तो पता चल जाएगा कि कौन किधर है। नियम 193 के तहत केवल चर्चा करके छोड़ दिया जाएगा। इस पर स्पीकर ने कहा कि इस मांग को वह पहले ही खारिज कर चुकी हैं। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि इस विषय पर सभी एकमत हैं और कोई दुविधा नहीं है। इस संसद से और देश की सबसे बडी महापंचायत से इस विषय पर दो स्वर नहीं निकलने चाहिए अगर ऐसा होता है तो देश में अच्छा संदेश नहीं जाएगा।

लेकिन विपक्ष अपनी मांग पर कायम रहा और विपक्षी सदस्यों का हंगामा थमता नहीं देखकर लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।

     

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