सूखे से निपटने के लिए केरल में कृत्रिम बारिश कराने की योजना: मुख्यमंत्री
Sanjay Srivastava | Mar 07, 2017, 19:00 IST
तिरूवनंतपुरम (भाषा)। राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने आज विधानसभा में कहा है कि केरल की सरकार राज्य में भयानक सूखे की स्थिति से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश के प्रयोग की योजना बना रही है।
सूखे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस के एक जवाब में विजयन ने कहा कि राज्य में हालत काबू में रखने के लिए सरकार कृत्रिम बारिश करवाने के लिए सहित हरसंभव कोशिश करेगी। यह सूखा बीती एक सदी का सबसे भयानक सूखा है।
विजयन ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में कृत्रिम बारिश काफी सफल रहा है. राज्य सरकार भी इसे यहां करने की कोशिश करेगी। हमें नहीं पता है कि यह महंगा है या नहीं।''
विपक्षी दल यूडीएफ ने भी राज्य सरकार के इस कदम का समर्थन किया है लेकिन सरकार के ‘भयंकर सूखे' के मुद्दे पर चर्चा करने से मना करने के विरोध में उसने सदन से वॉकआउट कर लिया। विजयन ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि राज्य सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए कदम नहीं उठाए हैं, उन्होंने विधानसभा को आश्वासन दिया है कि सरकार उन किसानों को मुआवजा देगी जिनकी फसलों को सूखे के कारण नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते हैं कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण करे और सरकार हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है। जल संसाधन मंत्री मैथ्यू टी थॉमस ने कहा कि स्थिति बेहद गंभीर थी और सरकार ने शुरुआत में ही इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए कदम उठाया था।
राजस्व मंत्री इ चंद्रशेखरन ने कहा कि सरकार ने चुनौतियों से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाया है। स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देते हुए सफी परमबिल ने कहा कि सरकार के द्वारा सूखे से निपटने के लिए उठाया गया कदम खास तौर पर पेय जल की आपूर्ति के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर योजनाएं कागज पर हैं और इसका उपयोग नहीं हो रहा है।
सूखे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस के एक जवाब में विजयन ने कहा कि राज्य में हालत काबू में रखने के लिए सरकार कृत्रिम बारिश करवाने के लिए सहित हरसंभव कोशिश करेगी। यह सूखा बीती एक सदी का सबसे भयानक सूखा है।
विजयन ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में कृत्रिम बारिश काफी सफल रहा है. राज्य सरकार भी इसे यहां करने की कोशिश करेगी। हमें नहीं पता है कि यह महंगा है या नहीं।''
विपक्षी दल यूडीएफ ने भी राज्य सरकार के इस कदम का समर्थन किया है लेकिन सरकार के ‘भयंकर सूखे' के मुद्दे पर चर्चा करने से मना करने के विरोध में उसने सदन से वॉकआउट कर लिया। विजयन ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि राज्य सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए कदम नहीं उठाए हैं, उन्होंने विधानसभा को आश्वासन दिया है कि सरकार उन किसानों को मुआवजा देगी जिनकी फसलों को सूखे के कारण नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते हैं कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण करे और सरकार हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है। जल संसाधन मंत्री मैथ्यू टी थॉमस ने कहा कि स्थिति बेहद गंभीर थी और सरकार ने शुरुआत में ही इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए कदम उठाया था।
राजस्व मंत्री इ चंद्रशेखरन ने कहा कि सरकार ने चुनौतियों से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाया है। स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देते हुए सफी परमबिल ने कहा कि सरकार के द्वारा सूखे से निपटने के लिए उठाया गया कदम खास तौर पर पेय जल की आपूर्ति के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर योजनाएं कागज पर हैं और इसका उपयोग नहीं हो रहा है।