जानिए Budget 2019 से अपने काम की ये 5 बड़ी बातें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस वित्त वर्ष में 3,000 अरब डॉलर की हो जाएगी, वर्ष 2030 तक रेलवे के आधारभूत ढांचे को 50 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता है
गाँव कनेक्शन 5 July 2019 5:52 AM GMT
लखनऊ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने union budget 2019 पेश किया। उन्होंने इस बजट हो नए इंडिया का बजट बताया है। सरकार ने पूर्ण बजट को बही खाता कहा है। आइए जानते हैं budget 2019 से पांच बड़ी बातें...
कार्यक्रमों की रफ्तार बढ़ाई जाएगी, लालफीताशाही को समाप्त किया जाएगा
वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने अपने पहले कार्यकाल में न्यू इंडिया के लिए काम शुरू कर दिया था। अब इन कार्यों की रफ्तार बढ़ाई जाएगी और आगे चलकर लालफीताशाही को और कम किया जाएगा। नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि हालिया चुनाव में एक आकर्षक और मजबूत भारत की उम्मीदें लहरा रही थीं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पहले कार्यकाल में काम को पूरा कर के दिखाया। आम चुनाव में मतदाताओं ने काम करने वाली सरकार के पक्ष में मत दिया। अब कार्यक्रमों की रफ्तार तेज की जाएगी और लालफीताशाही को कम किया जाएगा।
Finance Minister Nirmala Sitharaman: It took us over 55 years to reach $1 trillion dollar economy. But when the hearts are filled with hope, trust & aspiration, we in just 5 years, added $1 trillion. #Budget2019 https://t.co/cN6cg8DS3R
— ANI (@ANI) July 5, 2019
इस साल 3,000 अरब डालर की हो जाएगी अर्थव्यवस्था
निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत की जनता ने जनादेश के माध्यम से हमारे देश के भविष्य के लिए अपने दो लक्ष्यों राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक वृद्धि पर मुहर लगायी है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस वित्त वर्ष में 3,000 अरब डॉलर की हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पांच साल पहले भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 1,850 अरब डॉलर था। अब यह 2,700 अरब डॉलर हो चुका है। अगले कुछ साल में अर्थव्यवस्था में 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचने की क्षमता है। 2014 और 2019 के बीच केंद्र-राज्य संबंधों को नयी गति दी, सहयोगपूर्ण संघवाद, जीएसटी परिषद और राजकोषीय अनुशासन के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता जतायी है।
Finance Minister Nirmala Sitharaman: Railway infrastructure would need an investment of Rs 50 lakh crores between 2018 and 2030. PPP to be used to unleash faster development and the delivery of passenger freight services. #Budget2019 https://t.co/kvLQfaMH59
— ANI (@ANI) July 5, 2019
रेलवे आधारभूत ढांचे को 2030 तक 50 लाख करोड़ रूपये के निवेश की आवश्यकता
वित्त मंत्री कहा कि वर्ष 2030 तक रेलवे आधारभूत ढांचे को 50 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि तीव्र विकास एवं यात्री माल ढुलाई सेवा के लिए पीपीपी मॉडल का उपयोग किया जाएगा। सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि देश में 657 किलोमीटर मेट्रो रेल नेटवर्क परिचालन में आ गया है। रेलवे ढांचागत सुविधा के लिये 2018 से 2030 के दौरान 50 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत, तेजी से विकास और रेलवे में यात्री तथा माल ढुलाई सेवाओं के विस्तार के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी मॉडल) का उपयोग किया जाएगा।
1.95 करोड़ पात्र गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध करायेगी
सरकार वर्ष 2022 तक 1.95 करोड़ पात्र गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर उपलब्ध करायेगी। पिछले पांच साल में 1.5 करोड़ गरीब परिवारों को मकान उपलब्ध कराये गए। इससे पहले 2015-16 में जहां ऐसे मकान बनाने में 314 दिन लगते थे, वर्ष 2017- 18 में यह समय घटकर 114 दिन रह गया है।
Finance Minister Nirmala Sitharaman: Govt will invite suggestions for further opening up of FDI in aviation sector, media, animation AVGC and insurance sectors in consultation with all stakeholders. 100% FDI will be permitted for insurance intermediaries pic.twitter.com/xqhphPXRrI
— ANI (@ANI) July 5, 2019
एफडीआई नियमों को उदार करने का प्रस्ताव
सरकार ने मीडिया, विमानन, बीमा ओर एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों को उदार करने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि बीते वित्त वर्ष में देश में 64.37 अरब डॉलर का एफडीआई आया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष से छह प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि सरकार विमानन, मीडिया, एवीसीजी (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमक्सि) तथा बीमा क्षेत्रों को एफडीआई के लिए और खोलने को अंशधारकों के साथ विचार विमर्श करेगी। ट्रजेरी बिलों के सुचारू तरीके से हस्तांतरण के लिये आरबीआई और सेबी के तहत आने वाली डिपोजिटरी इकाइयों की प्रणालियों का परिचालनीय जुड़ाव जरूरी है, हम आरबीआई और सेबी के साथ विचार-विमर्श कर इस संदर्भ में जरूरी कदम उठाएंगे।
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