दूध की बिक्री और रेट को लेकर हरियाणा में क्या है विवाद, 100 रुपए लीटर दूध के रेट से संयुक्त किसान मोर्चा ने किया किनारा

पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया में मैसेज चल रहे हैं कि जब पेट्रोल 100 रुपए लीटर खरीद सकते हैं तो किसान का दूध क्यों नहीं? हरियाणा के कुछ जिलों में खाप पंचायतों ने 1 से 5 मार्च दूध शहर न भेजने का फैसला किया है, तो संयुक्त किसान मोर्चा 100 रुपए लीटर दूध की बात को अफवाह बताया है, जानिए क्या है पूरा मामला

Divendra SinghDivendra Singh   1 March 2021 11:39 AM GMT

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दूध की बिक्री और रेट को लेकर हरियाणा में क्या है विवाद, 100 रुपए लीटर दूध के रेट से संयुक्त किसान मोर्चा ने किया किनाराखाप पंचायत के फैसले के बाद हरियाणा के कई जिलों के किसानों दूध बाहर नहीं भेजा। फोटो: ILRI, Flickr

पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक मैसेज काफी शेयर हो रहा है कि पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ने और कृषि कानूनों के विरोध में किसान दूध की कीमतें बढ़ा देंगे। एक मार्च से दूध का दाम 100 रुपए प्रति लीटर हो जाएगा। वहीं हरियाणा की कुछ खाप पंचायतों के फैसले के बाद आज किसानों ने शहर दूध नहीं भेजा है।

दूध की कीमतों को कृषि कानूनों को लेकर चल रहे विरोध के संदर्भ में भी देखा जा रहा था लेकिन किसान आंंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने वीडिया जारी कर दूध की कीमतों को बढ़ाने वाली खबरों को महज अफवाह बताया है। भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहान ने भी दूध की कीमतों को लेकर चल रही खबरों को आधारहीन और अफवाह बताया है।

संयुक्त किसान मोर्चा के अहम सदस्य और किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने जारी एक वीडियो में कहा है, "मैं संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से एक मैसेज आपसे शेयर कर रहा हूं, जो सोशल मीडिया पर मैंने पढ़ा है, उस मैसेज में एक मार्च से लेकर पांच मार्च तक दूध के बारे में ये कहा गया है कि दूध गाँव में रखना है, शहर में नहीं भेजना है यानी बेचना नहीं है। उस मैसेज में दूसरी बात लिखी है कि छह तारीख से अगर किसी ने दूध बेचना भी है तो वो कम से कम 100 रुपए किलो बेचा जाएगा। मतलब ये कहा गया है कि ये करने से सरकार किसानों की मांगे मान लेगी, मैं ये स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस सोशल मीडिया पर घूम रहे मैसेज से संयुक्त किसान मोर्चा का कोई लेना-देना नहीं है।"

पंजाब और हरियाणा में बहुत से किसान पशुपालन करते हैं। फोटो: दिवेंद्र सिंह

डॉ. दर्शनपाल ने आगे कहा, " संयुक्त किसान मोर्चा ने दूध के बारे में या दूध देने या नहीं देने के बारे में उसका कोई फैसला नहीं है। जैसे दूध का दाम चल रहा है मैं किसान साथियों को ये कहना चाहता हूं और जोर से कहना चाहता हूं जैसे दूध के बारे में आपका चल रहा है, देने का बेचने का उसको उसी तरह से जारी रखिए। इस मैसेज से गुमराह होने की जरूरत नहीं है। बहुत सारे लोग इसे फारवर्ड कर रहे हैं। इसको आप कम से कम पढ़िए और पढ़ने के बाद इसको डिलीट कर दीजिए।"

हालांकि हरियाणा में कई खापों ने एक मार्च से 5 मार्च तक दूध गांव के बाहर नहीं भेजने का फैसला किया है। एक मार्च को हजारों लीटर दूध बिकने के लिए शहर,बाजार और मंडियों में नहीं गया। पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ने के बाद हरियाणा के हिसार जिले की खाप पंचायत ने दूध की कीमत सौ रुपए करने का फैसला लिया है।

सतरोल की खाप पंचायत का कहना है कि किसानों के प्रदर्शन को तीन से महीने से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है इसलिए हमने डेयरी और दुग्ध केंद्रों को 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दूध बेचने का फैसला किया है। पंचायत ने स्पष्ट किया है कि कि गाँव के लोगों को आपस में दूध देने पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है।

हरियाणा राज्य गोशाला संघ के प्रदेश अध्यक्ष शमशेर सिंह आर्या दूध की कीमतों को लेकर गाँव कनेक्शन को बताते हैं, "यहां पर सभी लोगों ने दूध की कीमत बढ़ाने का फैसला लिया है, आज से यहां पर लोगों ने दूध बाहर भेजना बंद कर दिया है। एक से पांच मार्च तक दूध बाहर नहीं भेजेंगे, उसके बाद 100 रुपए लीटर दूध बेचेंगे। सतरोल खाप पंचायत से करीब 100 गाँव जुड़े हुए हैं, सभी ने मिलकर यही फैसला लिया। सतरोल खाप हिसार जिले में आती है, लेकिन जींद और फतेहाबाद के किसान भी इससे जुड़ रहे हैं।"

दूध उत्पादन में भारत विश्व में पहले नंबर पर है। फोटो: दिवेंद्र सिंह

ट्विटर पर शनिवार से #1मार्च_से_दूध_100_लीटर ट्रेंड कर रहा है। ट्विटर पर एक लिस्ट शेयर हो रही थी जिसमें एक टैक्स की सूची के साथ लिखा था कि दूध के दाम 100 रुपए करने में टैक्स भी शामिल हैं जो आधार मूल्य, हरा चारा टैक्स, तुड़ी टैक्स, गोबर टैक्स, लेबर चार्ज के रूप में है।

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अनुसार देश में लगभग 187.7 मिलियन टन (2018-19) दूध का उत्पादन होता है, जिसमें सबसे अधिक दूध का उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। हरियाणा में 10,726 और पंजाब में 12,599 हजार टन दूध का उत्पादन होता है।

हरियाणा के दूध व्यापारी मोहन अहलूवालिया गाँव कनेक्शन से बताते हैं, "इस समय हमारे यहां भैंस के दूध का रेट 45-50 रुपए लीटर और गाय के दूध का रेट 35-40 रुपए लीटर है। हरियाणा में कुछ खाप पंचायतों ने 100 रुपए लीटर दूध देने का फैसला लिया है, कुछ जिलों में इनका अच्छा प्रभाव है, लेकिन पूरे हरियाणा में लागू नहीं हो सकता। लेकिन जिन जिलों में खाप पंचायत का प्रभाव है, उन्हीं जिलों में सबसे अधिक दूध का उत्पादन होता है। अगर उन्होंने वहां पर लोगों ने फैसला ले लिया तो इसका असर पूरे हरियाणा में पड़ेगा, जिससे 100 रुपए नहीं तो 80 रुपए में तो दूध बिकेगा ही।"

फोटो: ILRI, Flickr

मोहन आहलूवालिया हरियाणा में खेड़ी गांव के "गैर मिलावटी समाज ग्वाला गद्दी" के अध्यक्ष हैं, जो मिलावटी दूध के खिलाफ काम करते हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले चार वर्षों में भारतीय डेयरी सेक्टर 6.4 फीसदी की दर से बढ़ गया है, जबकि विश्व स्तर पर दुग्ध उत्पादन वृद्धि दर मात्र 1.7 प्रतिशत है। देश में दूध उत्पादन 2014-15 के 146.3 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़कर 2018-19 में 187.7 मिलियन मीट्रिक टन हो गया है। लेकिन इसकी एक सच्चाई यह भी है कि दूध कारोबार से जुड़े किसानों को लिए यह सेक्टर घाटे का सौदा बनता जा रहा है। लगभग आठ करोड़ ग्रामीण परिवार दुग्ध उत्पादन से जुड़े हुए हैं। इनमें भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसानों की संख्या सबसे अधिक हैं।

मोहन आहलूवालिया आगे कहते हैं, "वैसे भी इस सीजन में दूध का उत्पादन कम हो जाता है, जिसका असर दूध के दाम पर भी पड़ेगा। वैसे में 2015-16 से दूध के रेट बहुत ज्यादा नहीं बढ़े हैं, थोड़ा बहुत ही बढ़ा है। दूध का रेट जो किसानों को मिल रहा है, वो बहुत कम है, लेकिन 100 रुपए में जो दूध की बात की जा रही है, इससे किसानों को तो फायदा होगा, लेकिन एक तबका ऐसा भी है जो 100 रुपए लीटर दूध नहीं खरीद पाएगा। इसलिए सबके बारे में सोचना होगा। ऐसा न हो कि मिलावटी दूध 100 रुपए में बिक जाए और शुद्ध दूध सस्ते में ही बिकता रहे।"

    

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