एचआईवी पीड़ितों के अधिकारों को कानूनी संरक्षण प्रदान करने के लिए विधेयक पेश
गाँव कनेक्शन 11 April 2017 5:00 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा )। एचआईवी - एड्स पीड़ित मरीजों के हितों की रक्षा और उनके अधिकारों को कानूनी संरक्षण प्रदान करने के लिए लोकसभा में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया गया। इसके तहत ऐसे मरीजों के खिलाफ किसी भी प्रकार का भेदभाव दंडनीय अपराध होगा।
देश-दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सदन में ‘मानव रोगक्षम अल्पता विषाणु और अर्जित रोगक्षम अल्पता संलक्षण (निवारण और नियंत्रण) विधेयक 2017 ' पेश करते हुए बताया कि इस विधेयक के द्वारा एड्स पीड़ितों के साथ किसी भी प्रकार का उपचार संबंधी भेदभाव, सामाजिक भेदभाव और उनके खिलाफ दुर्भावना फैलाना दंडनीय अपराध होगा।
उन्होंने बताया कि इस विधेयक में एचआईवी एड्स पीडितों और उनके बच्चों का संपत्ति में हक कानूनी अधिकार के जरिए सुरक्षित करने के प्रावधान किए गए हैं। पीड़ितों के अधिकारों का उल्लंघन होने की स्थिति में विधेयक में एक ओम्बुडसमैन की व्यवस्था की गयी है, जहां शिकायत करने पर 30 दिन के भीतर कार्रवाई करनी होगी। यही नहीं इसका अनुपालन नहीं करने पर दस हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा।
नड्डा ने बताया कि विधेयक में इस बात के भी प्रावधान किए गए हैं कि अदालती कार्यवाही, चिकित्सकीय उपचार और सरकारी रिकार्ड में पीड़ित मरीजोंं के बारे में गोपनीयता बरती जाएगी। उनके संबंध में जानकारी को सार्वजनिक करना कानूनन अपराध होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस विधेयक के संबंध में स्थायी समिति की 11 सिफारिशों में से दस को स्वीकार कर लिया गया है और अंतर मंत्रालयीन स्तर पर इस पर गहन विचार विमर्श हुआ है।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।
More Stories