चंद्रशेखर ने समाजवाद को नहीं बनने दिया परिवारवाद और जातिवाद का अखाड़ा: मुख्यमंत्री 

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चंद्रशेखर ने समाजवाद को नहीं बनने दिया परिवारवाद और जातिवाद का अखाड़ा: मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी।

लखनऊ (भाषा)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को समाजवाद की प्रतिमूर्ति बताते हुए आज कहा कि वोट बैंक की राजनीति से परहेज करने वाले इस नेता ने समाजवाद को परिवारवाद, गुंडागर्दी और जातिवाद का अखाडा नहीं बनने दिया था।

मुख्यमंत्री ने चंद्रशेखर की 91वीं जयन्ती पर यहां आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इन पूर्व प्रधानमंत्री के बारे में पढेंगे तो समाजवादी की वास्तविकता को जान सकेंगे।

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उन्होंने इशारों में ही समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘चंद्रशेखर जी ने कभी वोट बैंक की राजनीति नहीं की। उनके आसपास कभी उनके परिवार का जमावडा नहीं था। उन्होंने समाजवाद को सही मायने में परिवारवाद, गुंडागर्दी और जातिवाद का अखाडा नहीं बनने दिया था।''

योगी ने चंद्रशेखर की सराहना करते हुए कहा, ‘‘समाजवादी होते हुए भी भारत की आध्यात्मिक परम्परा किसी न किसी रुप में उनमें कूट-कूटकर भरी थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रामजन्मभूमि के मामले पर चंद्रशेखर जी का एक बयान समाचार पत्रों में छपा था। पत्रकारों ने जब इस बारे में मेरे गुरुदेव से पूछा तो उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर तो नास्तिक आदमी है। जब इस बारे में खबर छपी तो चंद्रशेखर जी ने महाराज जी से मिलने का समय मांगा। जब मुलाकात हुई तो चंद्रशेखर जी ने गुरुदेव से कहा कि मैं नास्तिक नहीं हूं। देखिये मैंने मंदिर बनवाया है। मैं भी पूजा करता हूं। भारत की अध्यात्मिक की परम्परा पर मेरा पूरा विश्वास है।’’

योगी ने कहा कि चंद्रशेखर अनेक विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करते हुए दिखायी देते थे। हमें याद है कि जब देश में स्वदेशी अभियान चलाया गया था, तब वह अपनी वैचारिक पृष्ठभूमि को छोड़कर खुलकर स्वदेशी आंदोलन में हमारे साथ आये थे। उनका कहना था कि देश की समस्याओं का समाधान बहुराष्ट्रीय कम्पनियां नहीं कर सकती हैं, बल्कि यहां के लोग व्यावसायिक रुप से सबल होकर कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चंद्रशेखर में अपनी बात को बेहद मजबूती के साथ कहने का हुनर था। चाहे कश्मीर की समस्या हो, पंजाब या श्रीलंका की समस्या हो, पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों की बात हो। चंद्रशेखर जी अकेले होते थे लेकिन उनकी आवाज पूरी संसद पर भारी होती थी। योगी ने चंद्रशेखर पर लिखित किताब ‘राष्ट्र पुरुष चंद्रशेखर-संसद में दो टूक' का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें राष्ट्र की तमाम परेशानियों का समाधान मिल सकता है।

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