चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के आवास पर CBI ने मारा छापा
गाँव कनेक्शन 16 May 2017 10:23 AM GMT
चेन्नई। सीबीआई ने मंगलवार को पूर्व फाइनेंस मिनिस्टर पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम समेत चेन्नई में 14 जगहों पर छापे मारे। एजेंसी फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) के फंड दिए जाने में आपराधिक साजिश की जांच कर रही है। साथ ही एयरसेल-मैक्सिस डील से जुड़े दस्तावेज तलाशे रहे हैं। इस मामले की अदालत में सुनवाई चल रही है और कोर्ट ने सीबीआई से पूरी रिपोर्ट फाइल करने को कहा है।
सीबीआई ने कार्ति के चेन्नई के घर के अलावा मुंबई, दिल्ली, गुड़गांव स्थित ठिकानों पर छापे मारे। सुनवाई के दौरान बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने कोर्ट को बताया था कि उन्हें सीबीआई से जवाब मिला है कि एजेंसी सभी पहलुओं की पड़ताल कर रही है।
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इसमें 2006 में चिदंबरम द्वारा FIPB डील को दी गई क्लीयरेंस भी शामिल है। स्वामी ने आरोप लगाया था कि चिदंबरम ने गैर कानूनी तरीके से डील को क्लीयरेंस दी थी। पी. चिदंबरम ने छापेमारी के बाद कहा, ''क्या मुझे सरकार के खिलाफ लिखना बंद कर देना चाहिए?''
एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एफआईपीबी वॉयलेशन में चिदंबरम की कथित भूमिका पर स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है। वहीं कांग्रेस नेता केआर रामास्वामी ने कहा, ‘’कार्ति ने कुछ गलत नहीं किया। ये सब राजनीतिक साजिश के तहत किया गया है।’’
एयरसेल-मैक्सिस डील में दयानिधि मारन पर आरोप था कि उन्होंने 2006 में सी शिवशंकरन पर एयरसेल और मैक्सिस की अपनी हिस्सेदारी उनकी कंपनियों को बेचने के लिए दबाव डाला था। यह हिस्सेदारी सन डायरेक्ट को बेचने की बात सामने आई थी, जिसके मालिक दयानिधि मारन थे। 2006 में मलेशियाई कंपनी मैक्सिस कम्युनिकेशंस ने एयरसेल में 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। मई 2011 में एयरसेल के फाउंडर शिवशंकरन ने सीबीआई को दी शिकायत में कहा था कि उन्हें अपनी हिस्सेदारी मैक्सिस को बेचने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
इसके बाद अक्टूबर 2011 में सीबीआई ने मारन बंधुओ, मैक्सिस के ओनर कृष्णन और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसमें दायनिधि के घर में छापेमारी की गई थी। स्वामी ने दावा किया यह डील करीब 3500 करोड़ रुपए की थी। इसके लिए एफआईपीबी मंजूरी तत्कालीन वित्त मंत्री ने दी जबकि इसके 600 करोड़ रुपए की सीमा से काफी ऊंचा होने के नाते इसे आर्थिक मामलों की समिति को मंजूरी के लिए भेजा जाना चाहिए था।
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