बिजली संकट: कोयले की कमी से दिल्ली में कभी भी छा सकता है अंधेरा

रेलवे से वैगन/रैक आदि कोयले की ढुलाई के लिए नहीं मिल रहे हैं। कोयला दिल्ली नहीं पहुंच रहा है। बावजूद इसके केंद्रीय कोयला व रेल मंत्री इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।

mohit asthanamohit asthana   26 May 2018 3:54 AM GMT

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बिजली संकट: कोयले की कमी से दिल्ली में कभी भी छा सकता है अंधेरा

दिल्ली के उर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में थर्मल पावर प्लांटों में कोयले का पर्याप्त स्टॉक नहीं है। अमूमन इन प्लांटों में दो सप्ताह का स्टॉक होता है, लेकिन मौजूदा समय में एक से दो दिन का ही स्टॉक है। रेलवे से वैगन/रैक आदि कोयले की ढुलाई के लिए नहीं मिल रहे हैं। कोयला दिल्ली नहीं पहुंच रहा है। बावजूद इसके केंद्रीय कोयला व रेल मंत्री इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।
दिल्ली सचिवालय में पत्रकार वार्ता के दौरान जैन ने बताया कि गत 17 मई को इस बाबत केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा गया है। इसके जरिये पावर प्लांटों में कोयला की मौजूदा उपलब्धता के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। हैरान करने वाली बात यह है कि इस बारे में केंद्र सरकार की ओर से गंभीर रूख अख्तियार नहीं किया गया है, न ही पत्र का जवाब मिला है। जैन ने कहा, "एनसीआर के बिजली संयंत्रों के पास कोयला नहीं है। दादरी-1 और 2, बदरपुर और झज्जर किसी भी संयंत्रा के पास कोयल का भंडार एक दिन से ज्यादा के लिए नहीं है। मानव जनित आपदा आने वाली है।" उन्होंने कहा, "हमारे पास हमेशा अतिरिक्त बिजली रहती थी, लेकिन आज कोई अतिरिक्त बिजली नहीं है। अगर कोई संकट उत्पन्न होता है तो अंधेरा छा जाएगा।" मंत्री ने कहा कि बिजली संयंत्रों के पास 14 दिनों की खपत के लिए कोयले का आरक्षित भंडार होना चाहिए।
(एजेंसी)


  

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