कोरोना के डर से अपने घरों में समय बिता रहे लोग क्या कह रहे हैं ?

कोरोना वायरस के कारण करोड़ों लोगों पर सीधा असर पड़ा है। एक लाख से अधिक लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं और सात हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया भर से कोरोना के डर से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, लोग भीड़-भाड़ से बच कर अपने परिवार के साथ ही समय बिता रहे हैं। गाँव कनेक्शन की विशेष सीरीज "कोरोनाश" में पढ़िए घरों में बैठे लोग क्या कह रहे हैं ?

Divendra SinghDivendra Singh   18 March 2020 6:57 AM GMT

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कोरोना के डर से अपने घरों में समय बिता रहे लोग क्या कह रहे हैं ?

लखनऊ। "पिछले कई दिनों से किसी मॉल या मल्टीप्लेक्स में नहीं गए हैं, मज़बूरी में ही सही लेकिन घर वालों के साथ अच्छा समय बीत रहा है, "महाराष्ट्र के मुम्बई में रहने वाले हिमांशु त्रिपाठी फ़ोन पर बताते हैं।

हिमांशु मुम्बई के बोरीवली में फ्यूज़न साइंस क्लासेस चलाते हैं। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण और सरकार के आदेश के बाद कोचिंग क्लासेज बंद कर दी गई हैं। महाराष्ट्र में सभी स्कूल-कॉलेज, निजी क्लासेस बंद करने के साथ ही परीक्षाएं टालने का भी आदेश दिया गया है। किसी भी तरह के धार्मिक या सामाजिक आयोजन पर सरकार ने पाबंदी लगा दी है।

हिमांशू और उनका परिवार

हिमांशू आगे बताते हैं, "वैसे पूरे हफ्ते सुबह 7 बजे से देर रात तक लेक्चर रहते हैं, दोपहर में कुछ समय मिलता, हफ्ते में किसी दिन छुट्टी भी मिलती है, तो लगता है कि घर के बाहर चले जाओ, कहीं घूम आओ, या फिर बाहर खाने चले जाओ, लेकिन इस समय अपने तीन साल के बेटे और पत्नी को टाइम दे पा रहा हूं।"

देशभर में कोरोना के संक्रमण के बाद से ज्यादातर सरकारी और निजी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम (work from home) की छूट दी है। भारत में क्योंकि भारत में कोरोना का तीसरा स्टेज है, इसलिए इसके संक्रमण का ज्यादा खतरा रहता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अभी तक दुनिया के 152 देशों 184,976 लोगों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई है, अभी कोरोना से 7,529 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि भारत में 137 लोगों में कोरोना का संक्रमण पाया गया है, जिससे तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है।

लखनऊ में रहने वाली शिल्पी चौधरी का बेटा नोएडा से बीटेक कर रहा है और इस समय घर आ गया है। शिल्पी बताती हैं, "बहुत कम ही ऐसा होता है, जब पूरा परिवार एक साथ होता है, बच्चों की छुट्टी भी होती है, तो वो बाहर अपने दोस्तों के साथ घूमने चले जाते हैं, और खाना भी बाहर से आर्डर करने को कहते हैं, लेकिन अब बच्चे घर पर ही हैं और बाहर से खाना मंगाने की ज़िद भी नहीं कर रहे है।

एक लाख से अधिक लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं और सात हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया भर से कोरोना के डर से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, लोग भीड़-भाड़ से बच कर अपने परिवार के साथ ही समय बिता रहे हैं। गाँव कनेक्शन की विशेष सीरीज "कोरोनाश" में ऐसे ही कई परिवारों से बात की गई है।

ताजमहल जैसे कई ऐतिहासिक इमारतों को भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है।

कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए उत्तर प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेजों और मल्टीप्लेक्स 2 अप्रैल तक बंद कर दिए गए हैं। मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके अलावा सरकार ने अगले आदेश तक सभी स्कूल-कॉलेजों में चल रही परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।

ताजमहल सहित देशभर के सभी स्मारक और संग्रहालय 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। कोरोना के प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले ही 15 अप्रैल तक कई देशों के सैलानियों के वीजा रद्द करने के आदेश दिए थे। अभी भी कुछ विदेशी पर्यटक ताजमहल देखने आ रहे थे। पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने सोमवार को अपने ट्वीट में कहा- सभी संबंधित अधिकारी तत्परता और सावधानी बरतें।

डॉ नेहा आनंद

मनोचिकित्सक नेहा आनंद कहती हैं, "हम इंसानों की एक आदत होती है, डर की वजह से हम बहुत चीजे करते हैं। एक छोटा सा उदाहरण है, जैसे ट्रैफिक नियम हैं, कई सारे देशों में ये नियम है अगर आप ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं तो एक बार ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल हुआ तो दोबारा नहीं बनता है, तो वहां के लोग डरे होते हैं, जबकि वहां पर ट्रैफिक पुलिस भी हर जगह नहीं होती है। जबकि हमारे देश में ऐसा नहीं है, इसलिए लोग नियम तोड़ते हैं। इसी तरह से कोरोना आया, यहां बच्चों को सबसे पहले हाथ धोने की आदत डाली जाती है, क्योंकि ये सीख है, लेकिन डर नहीं। इसी तरह से कोरोना आया और उसने लोगों के अंदर डर पैदा कर दिया, तभी लोग कर रहे हैं, जहां सब ठीक हुआ लोग फिर वैसे हो जाएंगे।"

"इसी तरह से ही लोग परिवार में इसलिए समय बिता रहे हैं, क्योंकि हमारे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। इसलिए लोग घर में बैठे हैं। डर ही सही लोग अपने परिवार के साथ बैठे हैं।" नेहा आनंद ने आगे कहा।

आईटी सेक्टर में काम करने वाले पंकज कुमार का ज्यादातर काम ऑनलाइन ही हो जाता है, लेकिन फिर भी ऑफिस जाना पड़ता है। पंकज बताते हैं, "घर वालों की हमेशा शिकायत रहती है, कि उन्हें टाइम नहीं देता हूँ, अभी घर से काम कर रहा हूं। काम तो यहां से भी हो रहा है, लेकिन आदमी घर वालों के साथ तो है।"

टाटा मोटर्स की तरफ से मुख्यालय और क्षेत्रीय ऑफिस में काम करने वाले अपने सभी कर्मचारियों 'वर्क फ्रॉम होम' करने को कहा गया है। यानी टाटा के कर्मचारी सोमवार से अपने घर से काम करेंगे। कंपनी की तरफ से यह फैसला कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लिया गया है। यह वायरस न फैले इसके लिए कंपनी ने कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा है।

टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी गुएंटेर बुट्श्चेक ने कर्मचारियों को भेजे पत्र में कहा, 'कोरोना वायरस के चीन के अलावा अन्य देशों में फैलने को देखते हुए कंपनी ने स्थिति पर नजर रखने के लिये एक टीम का गठन किया है ताकि, कर्मचारियों के जोखिम की आशंका को दूर करने के लिये कदम उठाये जा सके।'

देश के बड़े धार्मिक स्थलों को भी बंद कर दिया गया है। जहां पर हर दिन हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सोमवार को सलाह दी है कि अगर यह संभव हो कि किसी संस्थान के कर्मचारी अपने घर पर रह कर काम कर सकते हैं तो उन्हें ऐसा करना चाहिए। उन्होंने दफ्तर जाने वाले लोगों को घर से काम करने, सार्वजनिक परिवहन का कम से कम उपयोग करने और एक-दूसरे से करीब एक मीटर की दूरी बनाकर रखने की सलाह दी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित कर चुका है। कोविड-19 के मामले बढ़ने के साथ सरकार ने 31 मार्च तक सामाजिक दूरी बनाने के कुछ उपायों का प्रस्ताव दिया हैलव अग्रवाल के अनुसार, कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। इसी वजह से स्कूल, स्वीमिंग पूल और मॉल आदि जैसे सार्वजनिक संस्थान 31 मार्च तक बंद करने के लिए कहा गया है। लोगों से कहा गया है कि वे सार्वजनिक परिवहन का कम से कम उपयोग करें। एक-दूसरे से करीब एक मीटर की दूरी बनाकर रखें।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सबसे जरूरी है, साफ-साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना।

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश शर्मा बताते हैं, "कोरोना से बचने के लिए सबसे जरूरी है, खुद को साफ रखना, तभी इसके संक्रमण से बचा जा सकते हैं। इसके लिए हाथ को दिन में कई बार धुले और साबुन से कम से कम एक मिनट तक कई बार साफ करें।"

वो आगे कहते हैं, "अगर आप घर में रह रहे हैं, फिर भी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, अगर कहीं बाहर आने-जाने से पहले हाथ को हैंड वॉश या साबुन से अच्छी तरह से साफ करें।"

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