भारतीय कंपनियां साइबर अपराध खतरों से निबटने में निचले पायदान पर
गाँव कनेक्शन 5 May 2017 4:49 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। कॉरपोरेट इंडिया को साइबर अपराध के बढ़ते मामलों से दो चार होना पड़ रहा है, बावजूद इसके इन जोखिमों से निबटने की उनकी प्रणाली बहुत लचर है। यह बात ईवाई की फ्राड इनवेस्टीगेशन एंड डिस्पुट सर्विसेज (जालसाजी जांच एवं विवाद सेवाएं) रिपोर्ट में कही गयी है। रिपोर्ट के अनुसार 89 फीसदी लोगों का मानना है कि साइबर कानूनों को दृढ़ बनाने की जरूरत है। उनमें 55 फीसदी लोग चाहते है कि कानून मजबूत बनाया जाए, जबकि 34 लोग और स्पष्टता के पक्ष में हैं।
देश-दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
फ्राड इनवेस्टीगेशन एंड डिस्पुट सर्विसेज ईवाई इंडिया के पार्टनर और नेशनल लीडर अरपिंदर सिंह ने कहा, ‘‘पिछले कई सालों में कॉरपोरेट इंडिया साइबर अपराध जोखिम काफी बढ़ गया है तथा हमले लगातार जटिल हो रहे हैं। ये हमले लक्षित और वैश्विक होते हैं।'' रिपोर्ट में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर निजी और पेशेवर सूचनाओं को साझा करने में वृद्धि और इस सूचना के रक्षा के समुचित उपाय नहीं होने से एक बड़ा साइबर खतरा पैदा हो सकता है।
सिंह ने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर कदम बढ़ाने से कई संगठनों पर जोखिम बढ़ गया है और ऐसे में मजबूत साइबर रणनीतियां तैयार करने की जरूरत है। भावी खतरों का अनुमान लगाने एवं उनका उचित निराकरण ढूंढने की क्षमता अच्छी तैयारी रखने वाले वाले संगठनों को दूसरों से अलग करेगी।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।
More Stories