सीधे किसानों के खाते में पहुंची डीजल सब्सिडी, बिहार पर सूखे की छाया

राज्य में 48 प्रतिशत कम वर्षा होने के कारण सूखे जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। बिहार सरकार 31 जुलाई को फिर से बैठक करेगी जिसमें तय किया जाएगा कि किन जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करना है।

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सीधे किसानों के खाते में पहुंची डीजल सब्सिडी, बिहार पर सूखे की छाया

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को बिहार के किसानों के खाते में डीजल सब्सिडी का पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर कर संभावित सूखे से राहत की प्रक्रिया की शुरूआत कर दी। बिहार में इस साल 48 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। इसके मद्देनजर सरकार ने सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए किसानों को मिलने वाली डीजल सब्सिडी 10 रुपए बढ़ाकर 50 रुपये प्रति लीटर कर दी है। राज्य में संभावित सूखे की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में रविवार को समीक्षा बैठक हुई थी जिसमें किसानों को सस्ती दर पर बिजली मुहैया कराने पर भी चर्चा की गई। बिहार सरकार 31 जुलाई को फिर से बैठक करेगी जिसमें तय किया जाएगा कि किन जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करना है।

बैठक के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि बैठक में मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने बताया कि राज्य में 48 प्रतिशत कम वर्षा होने के कारण सूखे जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। इसे देखते हुए किसानों को फौरन राहत देने के लिए डीजल अनुदान की राशि 50 रुपए प्रति लीटर कर दी गई। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में 18 से 20 घंटे बिजली देने की भी बात कही गई है। किसानों के लिए बिजली दर में रियायत भी दी गई है। अब किसानों को बिजली 96 पैसे प्रति यूनिट से घटाकर 75 पैसे प्रति यूनिट कर दी गई है।

मुख्य सचिव ने बताया कि सरकारी ट्यूबवेल का शुल्क अब व्यावसायिक दर पर नहीं वसूला जाएगा इसे कम करके 75 पैसे प्रति यूनिट कर दिया है। सूखाग्रस्त इलाकों में पानी पहुंचाने के लिए पानी के टैंकरों की संख्या भी 175 से बढ़ाकर 500 की जाएगी। गांवों में लगे हैंडपंपों की मरम्मत करने वाली टीमें भी बढ़ाई जा रही हैं।

    

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