किसान कर्फ्यू: कृषि बिलों के खिलाफ 25 सितंबर को देश भर में चक्का जाम करेगी भाकियू

संसद में कृषि बिल पास होने के साथ ही इन बिलों के खिलाफ किसान संगठनों की लड़ाई और तेज हो गई है। भारतीय किसान यूनियन ने भी 25 सितम्बर को देश भर में किसान कर्फ्यू लगा कर चक्का जाम करने का ऐलान किया है।

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किसान कर्फ्यू: कृषि बिलों के खिलाफ 25 सितंबर को देश भर में चक्का जाम करेगी भाकियूउत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर जिले में प्रदर्शन के दौरान जनता कर्फ्यू का ऐलान करते भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत। फोटो : गाँव कनेक्शन

कृषि बिलों के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने 25 सितम्बर को किसान कर्फ्यू कर देश भर में चक्का जाम करने का ऐलान किया है।

भाकियू के कार्यकर्ताओं ने आज तीनों कृषि बिल के विरोध में उत्तर प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर जोरदार प्रदर्शन किया। इसी कड़ी में मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने इन कृषि बिलों के पास होने को संसद के इतिहास में पहली दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया।

दूसरी ओर देश के 250 से ज्यादा किसान संगठनों का साझा मंच बने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) ने भी 25 सितम्बर को भारत बंद का ऐलान किया है।

भारतीय किसान यूनियन के चौ. राकेश टिकैत ने कहा, "सरकार बहुमत के नशे में चूर है। अन्नदाता से जुड़े तीन कृषि विधेयकों को पारित करते समय न तो कोई चर्चा की और न ही इस पर किसी सांसद को सवाल करने का अधिकार दिया गया। यह भारत के लोकतन्त्र के अध्याय में काला दिन है।"

मुजफ्फरनगर में प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में एकत्र हुए किसान। फोटो : गाँव कनेक्शन

"आज देश की सरकार पीछे के रास्ते से किसानों के समर्थन मूल्य का अधिकार छीनना चाहती है जिससे देश का किसान बर्बाद हो जायेगा। मण्डी के बाहर खरीद पर कोई शुल्क न होने से देश की मण्डी व्यवस्था समाप्त हो जायेगी। सरकार धीरे-धीरे फसल खरीदी से हाथ खींच लेगी। किसान को बाजार के हवाले छोड़ कर देश की खेती को मजबूत नहीं किया जा सकता," राकेश टिकैत कहते हैं।

भारतीय किसान यूनियन के मुताबिक, 25 सितम्बर को देश में किसान कर्फ्यू के जरिये किसान इन बिलों के विरोध में सड़क पर उतरेगा और जब तक कोई समझौता नहीं होगा तब तक पूरे देश का किसान सड़कों पर रहेगा।

राज्यसभा में हंगामा जारी

लोकसभा में पहले से पास तीन में में से 2 किसान बिल राज्यसभा में भी पास हो चुके हैं। रविवार 20 सितंबर को भारी हंगामे के बीच संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल ( Farmers' Produce Trade & Commerce (Promotion & Facilitation) Bill 2020 और कृषक (सशक्ति करण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 Farmers (Empowerment & Protection) Agreement on Price Assurance & Farm Services Bill 2020 पास हुए थे। विपक्ष ने वोटिंग न कराए जाने और बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजे जाने की सिफारिशों को खारिज करने को आलोतांत्रिक और संविधान की हत्या करने वाला बताया है। सदन में हंगामा करने वाले 8 सांसदों उपसभापति ने निलंबित भी कर दिया है, जिसके बाद सदन में गतिरोध और बढ़ गया है। राज्यसभा में पास होने के बाद बिलों को राष्ट्रपति के भेजा जाएगा उनकी मुहर लगते है ये कानून के रुप में लागू हो जाएंगे।

दूसरी ओर एआईकेएससीसी के संयोजक वीएम सिंह ने 25 सितम्बर को भारत बंद का ऐलान करते हुए कहा, "सरकार ने पहले भी हम किसानों को एपीएमसी और एमएसपी के नाम पर धोखा दिया है, किसानों की खेती की लागत में सी-2 देने का वादा किया था, वो भी नहीं दिया किसानों को, और अब ये तीन बिल लाकर देश के किसानों को कॉर्पोरेट के हाथों बेचने पर मजबूर करना चाहते हैं, इसलिए हम यह नहीं होने देंगे और अब 25 सितम्बर को भारत बंद करने के साथ किसानों की आवाज को और बुलंद करेंगे।"

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