गुरुपर्व पर गुरुद्वारों में उमड़ी भीड़, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को बधाई दी
Sanjay Srivastava 4 Nov 2017 12:39 PM GMT
चंडीगढ़/नई दिल्ली (आईएएनएस)। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में शनिवार को गुरुपर्व के मौके पर गुरुद्वारों में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुरुपर्व यानी सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती के मौके पर राष्ट्र को बधाई दी।
स्वर्ण मंदिर के नाम से लोकप्रिय सिखों के पवित्रतम धर्मस्थल हरमिंदर साहिब के साथ ही अन्य स्थानों पर भी गुरुद्वारों में लोगों की भीड़ दिखाई दी। विभिन्न धर्मो के हजारों लोग सुबह से ही स्वर्ण मंदिर परिसर में जुटने लगे और मत्था टेका। पंजाब में सभी प्रमुख गुरुद्वारों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। स्वर्ण मंदिर परिसर अक्टूबर में दिवाली और बंदी छोड़ दिवस से ही रोशनी से सराबोर है। अधिकांश गुरुद्वारों में लंगर का भी आयोजन किया गया है।
लाहौर से 100 किलोमीटर दूर स्थित गुरु नानक साहिब के जन्मस्थल नानकाना साहिब में भी गुरुपूर्व के जश्न की खबरें मिल रही हैं। गुरु नानक देव का 1469 में यहां जन्म हुआ था। करीब 2,600 सिख श्रद्धालु नानकाना साहिब में गुरुपूर्व मनाने के लिए पाकिस्तान गए हैं।
पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनोर और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुपर्व के मौके पर लोगों को बधाई दी है और उनसे गुरु नानक देव की सीख पर चलने और शांति और सौहार्द कायम रखने की अपील की है।
कोविंद, मोदी ने गुरुपर्व की बधाई दी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुरुपर्व यानी सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती के मौके पर राष्ट्र को बधाई दी।
कोविंद ने कहा, "गुरुपर्व की सभी को बधाइयां। आइए हम गुरु नानक देवजी द्वारा दिखाए गए शांति, करुणा और सेवा के मार्ग का अनुसरण करें।"
गुरु नानक जयंती को 'गुरुपर्व' और 'प्रकाश उत्सव' के नाम से जाना जाता है। यह सिख धर्म के सर्वाधिक पवित्र त्योहारों में से एक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि गुरु नानक सिखों के ही पहले गुरु ही नहीं है, बल्कि पूरे विश्व के भी गुरु हैं। उन्होंने लोगों से गुरु नानक के विचारों और शिक्षाओं का अनुसरण करने का आग्रह किया।
मोदी ने ट्वीट कर कहा, "गुरु नानक जयंती पर हम श्री गुरु नानक देवजी के समक्ष शीश झुकाते हैं और उनके नेक विचारों को याद करते हैं।"
मोदी ने एक मिनट से लंबे वीडियो संदेश में कहा कि गुरु नानक ने मानवता के संदेश के प्रचार के लिए 28,000 किलोमीटर तक की पैदल यात्रा तय की थी।
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उन्होंने कहा, "वह मानवता का कल्याण चाहते थे और सभी जातियों को समान समझते थे। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और महिला सम्मान पर जोर दिया।" मोदी ने कहा, "उन्होंने लंगर चलाया, जिसने लोगों में सेवा की भावना के बीज बोए। लंगर का हिस्सा बनकर लोगों में एकता की भावना का सृजन हुआ।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरु नानक ने सार्थक जीवन के तीन संदेश दिए, जिसमें भगवान के नाम का जप करना, कड़ी मेहनत करना और जरूरतमंदों की मदद करना शामिल है।
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