अब सुरक्षित और आरामदेय होगा रेल का सफर, 40 हजार डिब्बों का होगा नवीनीकरण

Karan Pal SinghKaran Pal Singh   14 Jun 2017 2:30 PM GMT

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अब सुरक्षित और आरामदेय होगा रेल का सफर, 40 हजार डिब्बों का होगा नवीनीकरणभारतीय रेल।

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने यात्रियों को सुविधा देने के लिए देश भर में रेलवे के डिब्बों को पूरी तरह से सुरक्षित बनाने का इरादा कर लिया है। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने राजधानी दिल्ली में मिशन रेट्रो-फिटमेंट की शुरुआत कर दी है। रेलवे अगले छह सालों में 40,000 आईसीएफ कोच में बदलाव करके सुरक्षित यात्रा के लिए फिट कर देगी। अगले छह साल में इस काम में तकरीबन 8000 करोड़ रुपये का खर्चा करना पड़ेगा।

रेलमंत्री सुरेश प्रभु के मुताबिक रेलयात्रा को सुरक्षित और सुखद बनाने के इरादे से 40,000 कोच के रेट्रो-फिटमेंट के काम को मिशन मोड में लिया गया है। देश भर में मौजूद पुरानी तकनीक के तकरीबन 40 हजार कोच को वर्ष 2022-23 तक पूरी तरह से रेट्रो-फिट कर लिया जाएगा।

बंद होंगे पुरानी तकनीक पर आधरित कोच का उत्पादन

सुरेश प्रभु ने बताया कि रेलवे ने ये फैसला भी लिया है कि पुरानी तकनीक पर आधारित आईसीएफ कोच के उत्पादन को 1 अप्रैल 2018 से पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। देश भर में मौजूद रेलवे के कोच कारखानों को पुराने कोच के इंटीरियर को रि-डिजाइन करने के निर्देश दे दिए गए हैं। इसके लिए अगले छह वर्षों का टारगेट भी तय कर दिया गया है।

2021 तक 5500 आईसीएफ कोच को कर दिया जाएगा रेट्रो-फिट

वर्ष 2017-18 के दौरान 1000 आईसीएफ कोच को रेट्रो-फिट कर दिया जाएगा. वर्ष 2018-19 में 3000 आईसीएफ कोच को रेट्रो-फिट कर दिया जाएगा। वित्त वर्ष 2019-20 में 5000 आईसीएफ कोच को रेट्रो-फिट कर दिया जाएगा। वित्त वर्ष 2020-21 में 5500 आईसीएफ कोच को रेट्रो-फिट कर दिया जाएगा। वित्त वर्ष 2021-22 में 5000 आईसीएफ कोच को रेट्रो-फिट कर दिया जाएगा। वित्त वर्ष 2022-23 में 5000 आईसीएफ कोच को रेट्रो-फिट कर दिया जाएगा। इसी तरह वर्ष 2023 तक रेलवे नई सुख सुविधावों से लैस 15000 नए कोचों का भी उत्पादन करेगी।

एक कोच पर 22 लाख का आएगा खर्चा

रेलवे बोर्ड के मेंबर रोलिंग स्टॉक रवींद्र गुप्ता के मुताबिक पुराने कोच को रेट्रो-फिट करने और इसमें आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने में रेलवे को प्रति कोच तकरीबन 20 से 22 लाख रुपये का अतिरिक्त खर्चा आएगा। आईसीएफ कोच को यात्रियों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे वर्कशॉप में इसके कपलर को सेंट्रल बफर कपलर में बदला जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पूरी मुहिम में निजी क्षेत्र की कंपनियों को शामिल किया जा रहा है। इसके लिए पहले चरण की टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है।

दिव्यांगों के लिए अलग से डिजाइन किए जाएंगे कोच

रेलगाड़ी को दिव्यांगों के लिए सुविधाजनक बनाए जाने के मसले पर रेलवे बोर्ड के मेंबर रोलिंग स्टॉक रवींद्र गुप्ता ने बताया कि रेलवे इसको लेकर काफी गंभीर है। हाल ही में हुई बैठकों में ये तय किया गया है कि दिव्यांगों के लिए अलग डिजाइन के नए कोच बनाए जाएंगे। इन नए कोच में दरवाजे चौड़े होंगे और इसके अलावा इनमें रिट्रैक्शन प्लेटफॉर्म भी दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। रेल मंत्रालय की योजना है कि अगले साल तक दिव्यांगों के अनुकूल पहला डिब्बा बनकर तैयार हो जाए। रवींद्र गुप्ता ने बताया कि आने वाले दिनों में हर ट्रेन में जरूरत के हिसाब से दिव्यांग फ्रेंडली कोच लगाए जाने की योजना है।

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