कन्नौज का इत्र महकेगा विदेशों तक, बनेगा परफ्यूम पार्क

कन्नौज में इत्र पार्क बनाने की योजना लागू की गई है। इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार इत्र उद्योग के विकास के लिए तकनीकी के इस्तेमाल और इनोवेशन को बढ़ावा देगी। इसका मकसद इत्र उद्योग को बढ़ावा देना, रोजगार सृजित करना और नए बाजार खोजना है।

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कन्नौज का इत्र महकेगा विदेशों तक, बनेगा परफ्यूम पार्क

रिपोर्ट: फराज़ हुसैन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कन्नौज में ठठिया-दौलतापुर मार्ग पर इत्र पार्क बनाने की योजना लागू की गई है। इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार इत्र उद्योग के विकास के लिए तकनीकी के इस्तेमाल और इनोवेशन को बढ़ावा देगी। इसका मकसद इत्र उद्योग को बढ़ावा देना, रोजगार सृजित करना और नए बाजार खोजना है।

प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय ने कन्नौज में पार्क एवं म्यूजियम विकसित किये जाने के लिए बनाई गयी योजना के अनुसार कार्यान्वयन कराने के नर्दिेश दिये हैं। पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक को भी यह निर्देश दिये कि वे इत्र के निर्माण और कारोबार से जुड़े व्यापारियों से वार्ता कर उनको आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही करें।


साभार: इंटरनेट

इत्र पार्क को लेकर लखनऊ में हुई बैठक

इत्र पार्क के लिए अभी तक करीब 25 एकड़ भूमि पर कब्ज़ा किया जा चुका है। इत्र के मामले से जुड़ी लखनऊ में हुई बैठक में सरकार नें कन्नौज के इत्र उद्यमियों को उनकी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने की भी जानकारी दी। अनुप चंद्र पाण्डेय नें निर्देश दिये, "योजना के कार्यान्वयन हेतु अधिकृत भूमि पर म्यूजियम, औद्योगिक पार्क, दुकान एवं होटल सम्बन्धी अन्य सुविधाएं विकसित किये जाने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाये।" इस बैठक में शामिल इत्र व्यापारियों ने भी सरकार से कुछ मांगे की जिसको लेकर मुख्य सचिव अनूपचंद्र पांडेय और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त ने उन्हे यक़ीन भी दिलाया।

पाण्डेय ने बताया, "इत्र 'एक जिला एक उत्पाद' (ओडीओपी) योजना के अन्तर्गत चिन्हित उत्पाद है इसलिए इत्र से जुड़े उद्यमियों को योजना के अन्तर्गत नियमानुसार सुविधाएं जल्द से जल्द मुहैया करायी जाएंगी।" उन्होंने इत्र व्यापारियों के सामने इत्र उत्पादकों की बिक्री के लिए अमेजन जैसी और कई बड़ी कम्पनियों के साथ सम्पर्क स्थापित कर ऑनलाइन बिक्री की व्यवस्था करने का भी प्रस्ताव रखा।

ज़रूरत के हिसाब से होगा भूमि का अधिगृहण

राकेश झा, यूपीएसआइडीसी (उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम) के क्षेत्रीय प्रबंधक ने कन्नौज में इत्र की एक हजार यूनिट होने की जानकारी दी। इस समय कन्नौज में इत्र बनाने वाली करीब 200 यूनिट कार्यरत हैं। इत्र व्यापारियों की मांग के अनुसार ही इत्र पार्क विकसित किया जाएगा। जब बाहर के कारोबारी जुड़ेंगे तो जरूरत के अनुरूप और भूमि अधिग्रहित की जाएगी। इसके बाद ही बजट तय होगा।"

कन्नौज के इत्र कारोबारी से जुड़े पुष्पराज जैन मोबाइल पर बताते हैं, "इस प्रोजेक्ट की योजना पूर्व मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने बनाइ थी। उन्होंने फ्रांस का दौरा किया था जिसमें एक विदेशी कंपनी को यहां स्थापित होना थी।

"इसमें सरकार 200 बच्चों को सरकारी खर्चे पर फ्रांस भेजना चाहती थी ताकि इत्र बनाने कि नई टेक्नॉलजी सिखी जा सके। लेकिन भाजपा सरकार ने सब काम रोक दिया और सब बर्बाद हो गया। अगर टेक्नॉलजी आ जाती तो कन्नौज का नक्शा बदल जाता" उन्होंने आगे बताते हैं।

कन्नौज के विवेक नारायण मिश्रा गांव कनेक्शन को मोबाइल पर बताते हैं, "हम भी इत्र कारोबारी से जुड़े हैं और हमने परसों मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय से बात की। उन्होने बताया की अभी मोटे तौर पर उन लोगों के नामों कि लिस्ट मांगी गई हैं जो लोग यूनिट लगाना चाहते हैं। इसके लिए एक कम्युनिटी हॉल और एग्ज़ीबिशन हॉल बनाने की बात कही गई है।"

उन्होंने आगे बताया, "हमने सरकार को सुझाव दिया कि हमारी इत्र बनाने की परम्परागत प्रकिया है। तो इसको बढ़ावा देने के लिए एक प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाए। हमारा मुख्य रूप से संसपर्धा सिंथेटिक (बनावटी सुगंध) से है तो उसके मुकाबले हम अपने इत्र की प्रॉइस (क़ीमत) को कैसे उसके बराबर कर सकते हैं।"

"हमने सरकार को सुझाव दिया कि इत्र पार्क का काम रोड मैप बना कर उसके आधार पर किया जाना चाहिए।" उन्होंने आगे बताया।


साभार: इंटरनेट

कन्नौज के इत्र व्यापार से जुड़ी जानकारियां

कन्नौज में इत्र बनाने का इतिहास काफी पुराना है। कन्नौज ने इत्र बनाने का तरीका फ़ारस के कारीगरों से सीखा था। इन कारीगरों को मलिका-ए-हुस्न नूरजहां ने गुलाब से बनने वाले एक ख़ास किस्म के इत्र को बनाने के लिए बुलाया था। तब से लेकर आज तक इत्र बनाने कि कला में कोई ज्यादा फर्क नहीं आया है। खाड़ी देश भी कन्नौज में बने इत्र को काफी ज्यादा पसंद करते है। कन्नौज की फैक्ट्री में बना दमिश्क के गुलाब का इत्र पूरी दुनिया में मशहूर है।

कन्नौज में बनने वाले बेशक़ीमती इत्र

यह इत्र ऐसे हैं जिनका नाम ही कोई शायद जानता हो। यह इत्र शमामा, शमाम तूल-अंबर और मास्क अंबर जैसे प्रमुख इत्र है।

   

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