ऐसा कैसे हो सकता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा चुनावी मुद्दा न हो: नरेंद्र मोदी

बिहार के पालीगंज में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि केवल आक्रामक रणनीति अपनाकर ही आतंकवाद का सफाया किया जा सकता है। उनकी सरकार ने ऐसा किया है। लेकिन विपक्षी इस पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।

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ऐसा कैसे हो सकता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा चुनावी मुद्दा न हो: नरेंद्र मोदी

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनावी मुद्दा बनाने का विरोध करने को लेकर बुधवार को विपक्ष पर तीखा निशाना साधा। बिहार के पालीगंज में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि केवल आक्रामक रणनीति अपनाकर ही आतंकवाद का सफाया किया जा सकता है। उनकी सरकार ने ऐसा किया है। लेकिन विपक्षी इस पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।

मोदी ने कहा, "विपक्षी महामिलावटी दल कहते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा कोई मुद्दा नहीं है। ऐसा कैसे हो सकता है? आतंकवादी हमलों के कारण कितने आम लोगों की जान गई है लेकिन फिर भी विपक्षी दल सवाल पूछ रहे हैं।" बालाकोट हवाई हमलों का परोक्ष जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमने आतंकवादियों को जिस तरह घर में घुसकर मारा, उनका खात्मा होना ही था।

पाटलिपुत्र लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत आने वाले पालीगंज के एक चुनावी रैली में पीएम मोदी ने कहा, "यह चुनाव के दौरान राज्य में मेरी आखिरी जनसभा है, लेकिन मैं वादा करता हूं कि अपने नए कार्यकाल में मैं अपने विकास परियोजनाओं के साथ आपके बीच वापस आऊंगा। आपका प्यार देखकर मुझे अपनी जीत का भरोसा हो गया है। कृपया सुनिश्चित कीजिए कि आखिरी चरण में, जीत का अंतर बड़ा हो।"

प्रधानमंत्री ने सैम पित्रोदा के "हुआ तो हुआ" वाले बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर विपक्षी दल के अहंकार को दर्शाता है। उन्होंने लालू यादव और आरजेडी का नाम लिए बगैर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता हासिल करने के लिए लोग पहले जाति का समर्थन हासिल करते हैं और फिर कार्यकर्ताओं के योगदान को नजरअंदाज करते हुए अपने परिवार के लोगों को आगे बढ़ाते हैं।

(भाषा से इनपुट के साथ)

  

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