मध्य प्रदेश: किसानों की कर्जमाफी के लिए 22 सदस्यों की कमेटी गठित
Mithilesh Dhar 18 Dec 2018 2:15 PM GMT

लखनऊ। सीएम की कुर्सी संभालते ही कमलनाथ ने जहां पहले ही दिन किसानों की कर्जमाफी की फाइल पर साइन कर दिया था तो वहीं दूसरे दिन इसके लिए कमेटी का गठन भी कर दिया गया। चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था अगर प्रदेश में उनकी सरकार बनी तो 10 दिन के अंदर ही किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। 22 सदस्यों की कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही कर्जा माफ होगा।
कर्ज माफी का मध्य प्रदेश शासन द्वारा जारी शासनादेश
फाइल पर हस्ताक्षर करने के बाद कमलनाथ ने राहुल गांधी का सबसे बड़ा वादा पूरा कर दिया। राहुल गांधी ने पूरे चुनाव में प्रचार के दौरान कर्जमाफी पर सबसे ज्यादा जोर दिया था। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस फैसले के बाद 40 हजारों किसानों का कर्ज माफ होगा। इसके साथ ही कन्या विवाह योजना के तहत दी जाने वाली राशी को बढ़ाकर 51 हजार कर दिया है। मप्र में चार गारमेंट पार्क बनाने को भी दी मंजूरी मिली है।
17 दिसंबर को कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही कर्जमाफी की कवायद शुरू हो गई थी। पात्रता और मापदंड कर्ज माफी के लिए बनाई गई कमेटियां ही तय करेंगी कि किस किसान का कर्ज माफ होगा किसका नहीं। ये कमेटियां राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक गठित की जाएंगीय़ इनकी रिपोर्ट के बाद ही किसानों को कर्ज माफी के प्रमाणपत्र दिए जाएंगे।
किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केदार सिरोही ने गांव कनेक्शन को फोन पर बताया कि यह अपने आप में पहला ऐसा फैसला है जिसके तहत प्रदेश के लगभग 50 से 55 लाख किसानों को फायदा होगा। वादे के तहत दो लाख रुपए तक का कर्जा माफ किया जाएगा क्योंकि प्रदेश के 90 फीसदी तक के किसान सीमांत और छोटी जोत के हैं। ऐसे में इस सभी को फायदा होगा।
CM, Madhya Pradesh, waives farm loans.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 17, 2018
1 done.
2 to go.
मंदसौर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुंल गांधी ने कर्जमाफी का वादा किया था। वहीं शपथ ग्रहण समारोह के बाद कांग्रेस से जारी विज्ञप्ति में कहा गया 'मध्यप्रदेश शासन एतद् द्वारा निर्णय लिया जाता है कि मध्यप्रदेश राज्य में स्थित राष्ट्रीयकृत तथा सहकारी बैंकों में अल्पकालीन फसल ऋण के रूप में शासन द्वारा पात्रता अनुसार पाए गए किसानों के 2 लाख रुपए की सीमा तक का दिनांक 31 मार्च, 2018 की स्थित में बकाया फसल ऋण माफ किया जाता है। इसके अलावा मध्यप्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत मिलने वाली अनुदान राशि बढ़ाकर 51000 रुपए कर दी है।
विधानसभ परिणाम आने के बाद भी राहुल गांधी ने कहा था कि उनकी सबसे बड़ी और प्राथमिकता होगी कर्जमाफी। उन्होंने कमलनाथ के फैसले के बाद ट्वीट करके कहा " मध्य प्रदेश के सीएम ने किसानों का कर्ज माफ किया। पहला काम हो गया, अब दूसरा करना है।
कमेटी का गठन
मध्य प्रदेश सरकार ने मंगलवार को अधिकारियों की एक कमेटी गठित की है। इसी कमेटी के आधार पर किसानों का कर्जा माफ होगा। प्रदेश सरकार की ओर जारी विज्ञप्ति के अनुसार अध्यक्ष मुख्य सचिव को बनाया गया है। क्रियान्वयन समिति में कृषि उत्पादन आयुक्त, विकास आयुक्त, ग्रामीण विकास विभाग जैसे 19 अधिकारियों को शामिल किया गया है।
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