सार्वजनिक परिवहन, सरकारी कार्यालयों को दिव्यांग-हितैषी बनाएं : उच्च न्यायालय
गाँव कनेक्शन 28 April 2017 9:15 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज अधिकारियों से कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक भवनों, सार्वजनिक परिवहन और मेट्रो सेवा में दिव्यांगों की "सुविधा'' का ख्याल रखें।
देश-दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ ने शहर के सार्वजनिक भवनों के 'दिव्यांग्ता ऑडिट' पर केंद्र एवं दिल्ली सरकार, स्थानीय निकायों, कॉलेजों, स्कूलों, दिल्ली मेट्रो और अन्य प्राधिकारों से रिपोर्ट मांगी है। अपने पुराने आदेश का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि वह पहले ही स्थानीय निकायों को शहर के सभी पार्किंग क्षेत्रों में दिव्यांगों के लिए जगह सुरक्षित रखने और इसका उल्लंघन करने वाले ठेकेदारों तथा कर्मचारियों को दंडित करने का निर्देश दे चुकी है। पीठ ने कहा, "समस्या की गंभीरता को देखते हुए, सभी प्राधिकार एक सप्ताह के भीतर हमें सूचित करेंगे कि कौन-कौन सी इमारतें दिव्यांग हितैषी हैं।'' उन्होंने कहा कि ऐसे स्थानों पर दिव्यांगों की सुविधाओं का ख्याल रखा जाना चाहिए। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिये 19 मई की तिथि मुकर्रर की।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।
More Stories