किसाना आंदोलन के बीच मन की बात, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों पर यह कहा

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mann ki baatमन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मुद्दों पर बात की। (फोटो- सोशल मीडिया से)

देश की राजधानी नई दिल्ली में पिछले चार दिनों से चल रहे किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की में कृषि कानून पर भी बात की। देशवासियों के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "मेरे प्यारे देशवासियों, भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में, किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है।"

मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संसद ने हाल ही में कठोर मंथन के बाद कृषि सुधार कानून पारित किया है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने न केवल किसानों की दिक्कतें कम हुई हैं बल्कि इस कानून ने उन्हें नए अधिकार और अवसर भी दिए हैं।

आगे उन्होंने कहा कि कृषि कानून में एक और बहुत बड़ी बात है। इस कानून में ये प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के एसडीएम को एक महीने के अंदर ही किसानों की शिकायतों का निवारण करना होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब जब ऐसे कानून की ताकत हमारे किसान भाई के पास थी तो उनकी समस्या का समाधान तो होना ही था, उन्होंने शिकायत की और चंद ही दिन में उनका बकाया चुका दिया गया।

मानसून सत्र में पारित तीन कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद कानूनों के रूप में लागू किया जा चुका है जिनका कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं और अनेक किसान सड़कों पर उतर आए हैं। 'मन की बात' में मोदी ने देशवासियों को बताया कि 1913 के आसपास वाराणसी के एक मंदिर से चुराई गई देवी अन्नपूर्णा की प्राचीन प्रतिमा को कनाडा से भारत वापस लाया जा रहा है।

नहीं मानें किसान

रविवार 29 नवंबर को पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमन ने किसानों को कृषि कानूनों के प्रति आश्वस्त किया, लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी किसानों से अपील कर चुके हैं, लेकिन उसका भी कोई फर्क नहीं दिख रहा।

गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे दिल्ली पुलिस की तय की हुई जगह पर आंदोलन करें, तभी सरकार तीन दिसंबर से पहले उनसे बात करेगी। किसानों ने इस प्रस्ताव से इनकार करते हुए कहा कि बुराड़ी का मैदान उनके लिए खुले जेल की तरह है।

यह भी पढ़ें- किसान आंदोलन: गृह मंत्री का प्रस्ताव नामंजूर, किसानों ने बुराड़ी मैदान को बताया ओपन जेल, कहा- हमारे पास 4 महीने का राशन है, दिल्ली जाम करेंगे

किसान संगठनों ने यह भी कहा कि सरकार किसानों से बिना किसी शर्त के बाद करे। अगर मांगें नहीं मानी गई तो किसान जल्द ही राजधानी दिल्ली को जाम करेंगे। तीन दिन ही होने वाला आंदोलन अब पांचवें दिन में पहुंच गया है।

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