वृन्दावन की विधवाओं ने रक्षाबंधन पर प्रधानमंत्री मोदी को हाथ से बनाकर 1500 राखियां भेजीं  

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   6 Aug 2017 6:28 PM GMT

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वृन्दावन की विधवाओं ने रक्षाबंधन पर प्रधानमंत्री मोदी को हाथ से बनाकर 1500 राखियां भेजीं  वृन्दावन एवं वाराणसी के आश्रमों में विधवाएं राखी बनाती हुईं।

मथुरा (भाषा)। वृन्दावन एवं वाराणसी के आश्रमों में विधवा एवं परित्यक्त जीवन बिता रहीं महिलाओं ने रक्षाबंधन के पावन पर्व पर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपने हाथों से बनाकर 1500 राखियां भेजी हैं।

इसके लिए वृन्दावन के तकरीबन पांच सदी पुराने ठा. गोपीनाथ मंदिर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर गाते-बजाते इन राखियों को मिठाई की टोकरियों के साथ पैक किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन वर्ष 2012 से वृन्दावन, वाराणसी एवं उत्तराखण्ड की 1000 विधवाओं की देखभाल कर रहे गैर सरकारी संगठन 'सुलभ इण्टरनेशनल ' ने किया था।

सुलभ इण्टरनेशनल के संस्थापक डा. बिन्देश्वर पाठक को अपना भाई मानने वाली इन विधवा महिलाओं ने राखी बांधकर सदियों से चली आ रही कुप्रथा को तोड़कर खुशी-खुशी रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया। इस बार यह राखियां बनाने में वृन्दावन के 'मीरा सहभागिनी ' आश्रम में निवास करने वाली विधवाओं ने खासा योगदान किया।

संस्था के मीडिया सलाहकार मदन झा ने बताया, 'सोमवार को भाई-बहन के अमिट प्रेम व त्याग के त्योहार के अवसर पर इनमें से 10 महिलाएं दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर पहुंचकर नरेंद्र मोदी को राखी बांधेगी तथा मिठाई भेंट करेंगी। '

प्रधानमंत्री को राखी बांधने के लिए एक बच्चे के समान उत्साहित मनु घोष (94 वर्ष) ने प्रधानमंत्री का फोटो लगी राखी दिखाते हुए कहा, 'मैंने भी स्वयं अपने हाथों से उनके लिए राखी बनाई है और मैं उनको यह राखी बांधने के बेहद बेताब हूं। वे समाज के हम जैसे निर्बल वर्गों की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। '

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संस्था की उपाध्यक्ष विनीता वर्मा ने बताया, 'सुलभ वर्ष 2012 से ही उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार इन महिलाओं की देखभाल विभिन्न प्रकार से कर रहा है। ' उन्होंने बताया, 'प्रधानमंत्री कार्यालय से हरी झण्डी मिलते ही 10 विधवा महिलाओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का दल दिल्ली रवाना हो जाएगा। '

                                  

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