पानी से सस्ते दूध के खिलाफ महाराष्ट्र में दूध किसानों का आंदोलन तेज, ट्रक फूंका
एक लीटर ब्रांडेड पानी की 20 रुपए है, जबकि दूध इससे सस्ता बिक रहा है। बोतलबंद पानी से सस्ते दूध को लेकर महाराष्ट्र में कासनों का गुस्सा सड़कों पर उतर रहा है।
गाँव कनेक्शन 17 July 2018 9:36 AM GMT
एक लीटर ब्रांडेड पानी की 20 रुपए है, जबकि दूध गाय का दूध इससे सस्ता बिक रहा है। बोतलबंद पानी से सस्ते दूध को लेकर महाराष्ट्र में किसानों का गुस्सा सड़कों पर उतर रहा है। महाराष्ट्र में प्रदर्शनकारियों ने एक दूध कैंटर में आग लगी दी। दूध की कीमतों को लेकर आंदोलन हिमाचल प्रदेश में भी जारी है।
दूध किसानों के आंदोलन को लेकर लोकसभा सांसद और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के चीफ राजू शेट्टी ने कहा, इस आंदोलन की कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है, दूध किसानों की भलाई के लिए इसे प्रदेश के सभी किसानों का समर्थन है। एनडीए ने किसानों को धोखा दिया है, मेरा उसमें दोबारा शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता।"
महाराष्ट्र के किसान दूध की कीमतों पर पांच रुपए की बढ़ोतरी के साथ ही दूध के उत्पादों पर लगाई गई जीएसटी को घटाने की मांग कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर स्वाभीमानी शेतकारी संगठन की अगुवाई में हजारों किसानों ने सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया। मुंबई, नागपुर, नासिक और पुणे समेत कई जिलों में किसानों ने हजारों लीटर दूध सड़कों बहा दिया।
दिल्ली में रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार सायंतन बेरा ने अपने ट्वीटर पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें कुछ प्रदर्शनकारियों ने दूध के कैंटर को रोककर आग लगा दी, आग में घिरा देख ड्राइवर ने कूदर अपनी जान बचाई। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा कि सरकार को तुरंत इन किसानों से बात करनी चाहिए, ऐसा न हो एक और मंदसौर कांड हो जाए।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेद्र फड़णवीश ने किसानों से आंदोलन छोड़कर बातचीत की बात कही है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी मुद्दे पर किसानों से बातचीत को तैयार है। किसानों के आंदोलन का असर आज से मुंबई समेत कई शहरों में नजर आ सकता है, क्योंकि आंदोलन के चलते अमूल को पर्याप्त दूध नहीं मिल पा रहा है। मुंबई में दूध की बड़ी सप्लाई का जिम्मा अमूल के ऊपर है। एक अनुमान के मुताबिक मुंबई में कम से कम 55 लाख दूध के पैकेट बेचे जाते हैं। इसमें 30 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी अकेले अमूल की है।
#MilkAgitation in Maharashtra where farmers receive less for a litre of milk than what a bottle of water costs (~Rs 16). Palpable anger on the streets. pic.twitter.com/y4BImTkovO
— Sayantan Bera (@sayantanbera) July 17, 2018
आंदोलन भाजपा सरकार में कभी सहयोगी रहे और किसानों के मुद्दों पर अलग हो चुके सांसद राजू शेट्टी के स्वाभिमानी शेतकारी संगठन की अगुवाई में चलाया जा रहा है। लेकिन कई दूसरे संगठन इसे अपना समर्थन दे रहे हैं। गुजरात के गुर्जर पाटीदार नेता और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। हार्दिक ने कहा उनके संगठन के लोग कोशिश करेंगे कि गुजरात से दूध महाराष्ट्र न आने पाए।
किसान एक तरह जहां घाटे को देखते हुए पैसे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, वहीं प्रदेश के दूध संगठन इसके विरोध में हैं। राजू शेट्टी ने कहा- पिछले काफी समय से दूध किसान आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। अगर अब भी उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज होगा। वहीं मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है। सोमवार से शुरु हुए आंदोलन के समर्थन में महाराष्ट्र में सदन से विपक्ष ने वॉकआउट किया।
शिवसेना के संजय राउत ने सवाल किया, क्या महाराष्ट्र सरकार किसानों को सब्सिडी नहीं दे सकती है, क्या वो उनसे बात भी नहीं कर सकती ? आर (सरकार) ३०००- ४००० करोड़ रुपया बुलेट ट्रेन और मेट्रो प्रोजेक्ट पर खर्च कर सकते हैं .. क्या किसानों ने बुलेट ट्रेन मांगी थी?"
महाराष्ट्र के कई इलाकों में डेयरी वाले किसानों से 17 से 20 रुपए लीटर दूध खरीदते हैं। कंपनी के टैंकर में पहुंचते ही इसकी कीमतें बढ़ना शुरु हो जाती हैं। प्रोसेसिंग के बाद डेयरी वाले इसी दूध को 42 रुपए प्रति लीटर बेचते हैं, जबकि फुल क्रीम मिल्क की कीमत और ज्यादा होती है। किसान नेता और किसान इसी भारी भरकम मुनाफे से अपनी हिस्सा चाहते हैं। मामले को लेकर आज अहम बैठक हो सकती है।
Dairy Farmers protest in Duttnagar, Himachal Pradesh demanding fair price for milk. The protest was led by our MLA from Theog, Comrade Rakesh Sangha. pic.twitter.com/NcApyF8AJE
— CPI (M) (@cpimspeak) July 16, 2018
हिमाचल में ही सड़क पर किसान
दूध की लड़ाई सिर्फ महाराष्ट्र में ही नहीं है। हिमाचल प्रदेश में भी किसान सड़क पर उतर रहे हैं। हिमाचल के दत्ता नगर में किसानों ने मिल्क प्लांट पर प्रदर्शन कर दूध की कीमत कम से कम 30 रुपए प्रति लीटर करने की मांग की। किसानों का आरोप था कि दूध की लागत 22-25 रुपए प्रति लीटर पहुंच गई है, इसलिए डेयरी वाले जो रेट दे रहे हैं, उससे लागत नहीं निकल पा रही है। प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए सीपीआई के विधायक कामरेड राकेश सिंहा ने कहा, मिल्क फेडरेशन प्रबंधन किसानों से दूध लेकर 50 रुपए तक लीटर तक बेचकर मुनाफा कमा रहे है, जबकि किसानों की लागत नहीं निकल पा रही है। इसलिए किसान के दूध की कीमत कम से कम 30 रुपए प्रति लीटर की जानी चाहिए। साथ ही हर हाल में महीने की 10 तरीख तक किसानों को दूध का पैसा दिए जाने का नियम बनाना चाहिए।'
Milk Protest has no political ambitions, this movement is supported by all the farmers in Maharashtra and its sole purpose is the betterment of farmers, NDA have betrayed the farmers and there is no chance that i will join NDA: Raju Shetty, Swabhimani Shetkari Sanghatna chief pic.twitter.com/McRHPbTpyh
— ANI (@ANI) July 17, 2018
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