दिल्ली में स्वाइन फ्लू के 1000 से अधिक मामले, एक की मौत

दिल्ली के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार शहर में सोमवार तक 895 लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। इनमें 712 वयस्क और 183 बच्चे हैं

Chandrakant MishraChandrakant Mishra   7 Feb 2019 7:34 AM GMT

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दिल्ली में स्वाइन फ्लू के 1000 से अधिक मामले, एक की मौत

नई दिल्ली। इन्फ्लूएंजा ए (एच1एन1) यानी स्वाइन फ्लू के 124 नये मामले दर्ज होने के बाद दिल्ली में इससे प्रभावित लोगों की संख्या बढ़कर 1019 हो गयी है। इस बीमारी से एक व्यक्ति की मौत भी हुई है ।एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी मिली।

दिल्ली के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार शहर में सोमवार तक 895 लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। इनमें 712 वयस्क और 183 बच्चे हैं। इसके अनुसार वयस्कों के कम से कम 104 और बच्चों के 20 नये मामले दर्ज किये गये हैं जबकि बीमारी से एक व्यक्ति की मौत भी हो गयी है। सफदरजंग अस्पताल में वरष्ठि डॉक्टरों के अनुसार इस बार स्वाइन फ्लू से तीन लोगों के मरने की रिपोर्ट है जबकि आरएमएल अस्पताल में इस बीमारी से 10 लोगों के मरने की रिपोर्ट है।

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स्वाइन फ्लू के लिए दवा का पर्याप्त भंडार

स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुये एलएनजेपी अस्पताल ने बुधवार को कहा कि बीमारी के लिए दवा का पर्याप्त भंडार है और साथ ही दूसरे अस्पतालों को भी सुविधा उधार दे सकती है। लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल दिल्ली सरकार द्वारा संचालित सबसे बड़ा अस्पताल है जहां एच1एन1 संक्रमणों के पांच मामले सामने आए हैं।

स्वाइन फ्लू के लक्षण

- सांस लेने में तकलीफ होना

- सीने में दर्द होना

- सुस्ती आना

-ब्लड प्रेशर का कम होना

- बलगम में खून आना

- नाखून और होठों का नीला होना

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उत्तर प्रदेश में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के श्वसन विभाग के अध्यक्ष और आईएमए (लखनऊ) अध्यक्ष डॉ सूर्यकान्त ने बताया, "स्वाइन फ्लू श्वसन से संबंधित एक बीमारी है जो स्वाइन एन्फ्लूएंजा वायरस (SIV) की वजह से फैलती है। दुनियाभर में अब तक इस वायरस के सब-टाइप H1N1 ने बेहद कोहराम मचाया है लेकिन इसके अन्य सब-टाइप जैसे H1N2, H1N3, H3N1, H3N2 और H2N3 भी कई बार गंभीर समस्याएं पैदा कर देते हैं। H1N1 वायरस का पहला आक्रमण सुअर होते हैं और सुअर पालन करने वालों या सुअरों के नजदीक में रहने वाले मनुष्यों पर इसका अगला आक्रमण होता है और फिर बड़े ही भयावह तरीकों से यह अन्य मनुष्यों को भी संक्रमित करता चला जाता है।

बचाव के लिए क्या करना चाहिए

- बार बार साबुन से हाथ धोते रहें

-खासते या छींकते वक्त मुंह पर कपड़ा रखें

- इस सीजन में हाथ मिलाने से बचे

- बगैर डॉक्टर की सलाह के दवा न लें

-ट्रिपल लेयर सर्जिकल मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए


वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, हमारे पास दवा का पर्याप्त भंडार है और हमारे अस्पताल में एच95 मॉस्क हैं। हमें यह एक केन्द्रीय संगठन से मिला और अन्य अस्पतालों को दवा लेने के लिए वहां आवेदन करना होगा। अगर शहर के अन्य अस्पतालों को इसकी तत्काल जरूरत है तो एलएनजेपी उसे उधार भी दे सकती है।

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