ट्रेन में बच्चे को अपना दूध पिला रही महिला को टीसी ने कोच से बाहर किया 

Mithilesh DharMithilesh Dhar   19 April 2017 8:02 PM GMT

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ट्रेन में बच्चे को अपना दूध पिला रही महिला को टीसी ने कोच से बाहर किया अपने बच्चे और पति के साथ स्वप्ना।

लखनऊ। आपको सुनकर ये आश्चर्य होगा कि एक महिला को ट्रेन के अधिकारी बस इसलिए कोच बदलने को कह देते हैं क्योंकि वो अपने बच्चे को अपना दूध पिला रही थी। ये मामला बिल्कुल शांत है। अभी कुछ दिनों पहले शिव सेना सांसद रविंद्र गायकवाड़ ने एयर इंडिया के कर्मचारी के साथ मारपीट की तो उनपर कुछ दिनों के लिए बैन लगा दिया गया था और तब मामले ने काफी तुल पकड‍़ लिया था। जबकि रविंद्र गायकवाड़ा का आरोप था कि उनके साथ एयर इंडिया के स्टाफ ने गलत व्यवहार किया था। इन दोनों मामले में समानता ये है कि दोनों पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़े हुए हैं।

पुणे मिरर के अनुसार रविवार को 32 वर्षीय स्वप्ना कुलकर्णी अजगांवकर अपने पति आमिर और अपनी छोटे बच्चे के साथ डेक्कर क्वीन ट्रेन से पुणे से मुंबई जा रही थीं। स्वप्ना के पास एसी चेयर कार के टिकट थे। जिस कोच में उन्हे जाना था उसमें बहुत भीड़ थी। इस कारण स्वप्ना कुछ कुछ देर के लिए पासहोल्डर्स के लिए रिजर्व कोच में चली जाती हैं ताकि उनके बच्चे को थोड़ा आराम मिल सके। लेकिन पास होल्डर्स ने इसका विरोध किया और उन लोगों टीटीई के साथ मिलकर उनका सामान डेली यात्रा करने वाले कोच में फेंक देते हैं।

अन्य दिनों की अपेक्षा रविवार को डेक्कन क्वीन ट्रेन में पासहोल्डर्स कोच में ज्यादा भीड़ होती है। स्वप्ना अपनी सीट तक पहुंच चुकी थीं और अपनी बच्ची को दूध पिला रही थीं। तो उन्हे थोड़ा असहज महसूस हुआ तो वे दूसरे कोच में टहलते हुए चली गईं। लेकिन टीसी ने उन्हें अपनी सीट पर लौटने को कहा। स्वप्ना के अनुसार वहां बैठे एक बुजुर्ग को इस बात से आपत्ति थी की वे अपनी बेटी को अपना दूध पिला रही है। उनका कहना था कि वे इससे परेशान हो रहे हैं।

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स्वप्ना बताती है कि उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनके सहयात्रियों ने उनके साथ ऐसा व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि मैं सीट पर कब्जा नहीं करना चाहती थी। मैं तो बस अपने बच्चे को थोड़ा आराम देना चाहती थी। मैंने जब बुजुर्ग आदमी के टिप्पणी का विरोध किया तो उन्होंने तुरंत टीटीई को बुलाया। टीटीई ने भी उन्हीं लोगों का साथ दिया। उन लोगों ने कहा कि वो गलत तरीके से उनके कोच में चढ़ी है। उनमें से एक आदमी ने रौब झाड़ना शुरू कर दिया। टीटीई ने उनका साथ दिया और स्वप्ना को अपने कोच में जाने के लिए कहा। यात्रियों ने कहा कि उन्हें यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखना चाहिए।

स्वप्ना ने कहा तब मुझे महसूस हुआ कि अगर महिला टीटीई होती तो वो जरूर मेरा साथ देती। इस मुदूदे पर रेलवे प्रवासी मंच की अध्यक्ष हर्षा शाह ने कहा कि इस ट्रेन में पासधारक और गैर पारधारकों के बीच लड़ाई अक्सर होती रहती है। पास धारकों को लगता है कि ये ट्रेन उन्हीं की है। वहीं सीनियर डिवीजनल मैनेजर कृष्णकांत पाटिल ने कहा कि जो भी हुआ वो गलत हुआ, हम मामले की जांच कराने के लिए तैयार हैं।

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