विजयपत सिंघानिया और उनके अरबपति पुत्र गौतम सिंघानिया विवाद को आपसी सहमति से सुलझाएं : बंबई हाईकोर्ट
Sanjay Srivastava 10 Aug 2017 7:58 PM GMT
मुंबई (भाषा)। बंबई उच्च न्यायालय ने उद्योगपति विजयपत सिंघानिया और उनके पुत्र रेमंड लि.के चेयरपर्सन एवं प्रबंध निदेशक गौतम सिंघानिया को अपने संपत्ति विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने की सलाह दी है।
विजयपत सिंघानिया ने उच्च न्यायाल में अपील दायर कर आरोप लगाया है कि उनके पुत्र परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति विवाद में मध्यस्थता फैसले का पूरी तरह सम्मान करने से इनकार कर रहे हैं। सिंघानिया ने याचिका में कहा है कि रेमंड लि. अभी तक इस फैसले के तहत दक्षिण मुंबई के बहुमंजिला जेके हाउस भवन में ड्यूपलेक्स का कब्जा नहीं दिया है।
न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी ने इसी सप्ताह याचिका की सुनवाई करते हुए कहा, ' 'सबसे पहले तो इस तरह के मामले अदालतों में नहीं आने चाहिए। यह पिता और पुत्र के बीच का विवाद है, इसे मिल बैठकर सुलझाने का प्रयास करें।' '
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सभी पक्षों के वकीलों ने कहा कि वे अदालत के सुझाव पर विचार को तैयार हैं, परिवार के बीच 2007 के करार के तहत विजयपत सिंघानिया, उनके पुत्र गौतम सिंघानिया, विजयपत के भाई अजयपत सिंघानिया की विधवा और उनके दो पुत्रों प्रत्येक को जेके हाउस में एक-एक ड्यूपलेक्स मिलना है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 22 अगस्त तय की है। अदालत ने कहा है कि रेमंड को अगले आदेश तक जेके हाउस की दो मंजिलों पर किसी तरह का तीसरे पक्ष का अधिकार नहीं बनाना है।
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