ट्रेन हादसा : रेलकर्मियों ने ही काटी थी पटरी, जोड़ने से पहले ही आ गई ट्रेन, ऑडियो वायरल

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ट्रेन हादसा : रेलकर्मियों ने ही काटी थी पटरी, जोड़ने से पहले ही आ गई ट्रेन, ऑडियो वायरलहादसे का शिकार उत्कल एक्सप्रेस 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली में शनिवार शाम बड़ा रेल हादसा हुआ। ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे के बाद शुरुआती जांच में सिस्टम की घोर लापरवाही सामने आ रही है। इस बीच हादसे से जुड़ा एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जो रेलवे प्रशासन पर सवाल खड़े कर रहा है।

रेलकर्मीयों की बातचीत का ऑडियो वायरल

इस ऑडियो में दो लोग मोबाइल फोन पर बात कर रहे हैं। इनमें एक शख्स की बातों से ये साबित हो रहा है कि वो पटरी पर काम कर रहे कर्मचारियों में से एक है।

ये शख्स फोन पर बता करते हुए कह रहा है कि पटरी पर काम चल रहा था। लाइन का एक टुकड़ा काटकर उसे दूसरे से जोड़ना था। ये टुकड़ा वहां रख तो दिया गया, मगर किसी ब्लॉक या बोल्ट से जोड़ा नहीं गया। ये शख्स बता रहा है कि लाइन को फिक्स करने के लिए एक तरफ ब्लॉक लाने के लिए मना कर दिया गया, मगर उस टुकड़े को बोल्ट से भी नहीं जोड़ा गया। फोन पर बात करते हुए इस व्यक्ति ने आगे बताया कि लाइन जोड़ी नहीं गई। न ही वहां कोई झंडा लगाया गया। इसके बाद ट्रेन आने का टाइम हो गया। वो बता रहा है कि वहां मौजूद लोग भाग गए और वेल्डिंग मशीन भी लाइन पर भी छोड़ गए।

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काम नहीं करते कर्मचारी

खुद को रेलवे कर्मचारी बताने वाला ये व्यक्ति मोबाइल पर बातचीत में आगे बता रहा है कि पटरी पर काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारी लापरवाही बरतते हैं। उसका आरोप है कि कर्मचारी साइट पर आते हैं और बैठे रहते हैं। इतना ही नहीं इस शख्स का ये भी कहना है कि हाल ही में नए जेई आए हैं, जिन्हें कामकाज की ज्यादा समझ नहीं है और पुराने कर्मचारी उनकी बात न मानकर मनमानी करते हैं।

अधिकारियों ने माना माना, चल रहा था ट्रैक पर काम

स्थानीय लोगों का भी कहना है कि जिस पटरी पर हादसा हुआ है, उस पर काम चल रहा था। वहां अब भी उपकरण और झंडे पड़े हुए हैं। वैसे रेलवे सेफ्टी विभाग ही दुर्घटना की सही वजह बता पाएगा

- प्रशांत कुमार, एडीजी मेरठ जोन

पटरी पर काम चल रहा था तो ड्राइवर को कॉशन दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। यह बड़ी लापरवाही है। दुर्घटना के समय ट्रेन 100 किमी प्रति घंटा की स्पीड से दौड़ रही थी। सामान्य स्थिति में उसे इतनी ही स्पीड में दौड़ना चाहिए, लेकिन मरम्मत आदि के समय स्पीड कम करा दी जाती है। प्रथमदृष्टया तो लापरवाही ही प्रतीत हो रही है, जांच में सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी

- नीरज गुप्ता, जनसंपर्क अधिकारी उत्तर रेलवे

यानी जो लापरवाही की बात शुरुआती जांच में सामने आ रही है, इस व्यक्ति के दावे उसे मजबूती दे रहे हैं। हालांकि, इस ऑडियो क्लिप की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

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