अरविन्द केजरीवाल के ‘कर्मों’ के लिए सरकारी धन क्यों खर्च हो : भाजपा
Sanjay Srivastava 4 April 2017 3:57 PM GMT
नई दिल्ली (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा लड़ने के लिए कथिततौर पर सरकारी धन का इस्तेमाल करने को लेकर अरविन्द केजरीवाल की आलोचना की। भाजपा ने सवाल किया कि केजरीवाल के 'कर्मों' के लिए सरकारी धन क्यों खर्च किया जाए?
अपने पैसों से लड़ें केजरीवाल मुकदमा
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां कहा, "मानहानि का मुकदमा केजरीवाल का व्यक्तिगत मामला है, न कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ। इसलिए, केजरीवाल को ये मामले अपने पैसों से लड़ना चाहिए न कि सरकारी धन से।"
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2015 में केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का एक मुकदमा दर्ज कराया था। केजरीवाल ने जेटली पर आरोप लगाया था कि दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) का अध्यक्ष रहने के दौरान उन्होंने अनियमितताएं बरतीं, जिसके बाद जेटली ने यह मामला दर्ज कराया था।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "लोगों की मानहानि करना केजरीवाल की आदत है। यह उनका 'कर्म' है। उनके 'कर्मों' के लिए लोगों का धन क्यों खर्च हो?" उन्होंने कहा, "आज वह सरकारी खजाने से वकील की फीस अदा कर रहे हैं। कल अगर अदालत उन्हें दोषी ठहरा देगा, तो क्या वह सरकारी खजाने से खर्च हुई सारी धनराशि चुका देंगे?"
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भाजपा नेता ने कहा, "जहां तक मेरी जानकारी है, उनके खिलाफ सात मामले दर्ज हैं। इस हिसाब से इन मुकदमों पर 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। क्या वह दिल्ली के लोगों के 100 करोड़ रुपए खर्च करेंगे?"
इसे सरकारी धन की 'डकैती' करार देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि केजरीवाल की यह करनी 'अवैध तथा अनैतिक' है और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।
भाजपा का यह हमला एक टेलीविजन चैनल की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि का मुकदमा लड़ने के लिए केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी ने उनसे 3.4 करोड़ रुपए की मांग की है।
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