2जी स्पेक्ट्रम नीति पर अरुण जेटली और पी. चिदंबरम में वाकयुद्ध

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   21 Dec 2017 7:03 PM GMT

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2जी स्पेक्ट्रम नीति पर अरुण जेटली और पी. चिदंबरम में वाकयुद्ध

2जी स्पेक्ट्रम मामले में आए फैसले पर आज वित्त मंत्री अरुण जेटली और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ।

नई दिल्ली (आईएएनएस)। 2जी स्पेक्ट्रम मामले में आए फैसले पर आज वित्त मंत्री अरुण जेटली और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के बीच वाकयुद्ध सा छिड़ गया। अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस की 2जी स्पेक्ट्रम नीति भ्रष्ट और बेईमान थी इस पर पी. चिदंबरम ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि 2जी मामले में संप्रग सरकार पर आरोप कभी सत्य नहीं थे।

राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में विशेष अदालत ने आज पूर्व संचार मंत्री ए राजा और द्रमुक नेता कनीमोई सहित सारे आरोपियों को आज बरी कर दिया।

कांग्रेस की 2जी स्पेक्ट्रम नीति भ्रष्ट और बेईमान थी : जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार की स्पेक्ट्रम आवंटन नीति 'भ्रष्ट और बेईमान' थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के मामले में फैसले को ईमानदारी का तमगा (बैज ऑफ ऑनर) मान रही है।

संसद के बाहर जेटली ने संवाददाताओं को बताया, "कांग्रेस नेता इस फैसले को एक तरीके से ईमानदारी के तमगे के रूप में देख रहे हैं और वे मान रहे हैं कि यह उनकी ईमानदार नीति का प्रमाणीकरण है।"

उन्होंने कहा, "यह एक भ्रष्ट और बेईमान नीति थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने भी 2012 में रद्द कर दिया था।"

जेटली की प्रतिक्रिया, विशेष सीबीआई अदालत ने 2008 के 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी और अन्य सभी आरोपियों को बरी करने के बाद आई है।

अदालत के फैसले के बाद, कांग्रेस ने आज दोषमुक्त की पुष्टि हो जाने पर सत्तारूढ़ भाजपा से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए सरकार से माफी मांगने की मांग की थी।

जेटली ने कहा कि 2007-08 में स्पेक्ट्रम को नीलामी के आधार पर आवंटित नहीं किया गया था बल्कि 2001 में बने डिस्कवरी मोड के तहत मूल्य के हिसाब से दिया गया था।

वित्त मंत्री अरुण जेटली

पहले आओ-पहले-पाओ आधार’ पर दिया गया था जिसे कुछ चयनित लोगों के बीच ही आवंटित किया गया। पहली आओ-पहले पाओ की नीति तब पहले-आओ-पहले-चुकाओ में बदल गई थी।

अरुण जेटली वित्त मंत्री

उन्होंने कहा, "2012 में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पेक्ट्रम आवंटन के प्रत्येक मामले को मनमाना और अनुचित बताते हुए रद्द कर दिया था, जो सरकार के नुकसान का कारण बन था।"

वित्त मंत्री ने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को एक नई नीति बनाने का भी निर्देश दिया था जिसके द्वारा नीलामी की जाएगी।"

उन्होंने कहा, "तथ्य यह है कि नीति के कारण साफतौर पर नुकसान हुआ, इस तथ्य से स्पष्ट है कि बाद की नीलामी को बहुत अधिक मूल्य मिला है।"

फैसले के बाद न्यायिक जांच एजेंसियों पर उठे सवाल के जवाब में जेटली ने कहा, "मुझे यकीन है कि जांच एजेंसियां इस फैसेल को को गंभीरता से देखेंगी और निर्णय लेंगी कि आगे क्या करना है।"

दूरसंचार विभाग द्वारा लाइसेंस जारी करने और 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में कथित घोटाला 2008 में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में हुआ था। लेकिन 2010 में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) विनोद राय की एक रिपोर्ट के बाद यह व्यापक रूप से लोगों के सामने अया।

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम

संप्रग सरकार पर आरोप कभी सत्य नहीं थे : चिदंबरम

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम मामले में अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी करने के फैसले ने एक बड़े घोटाले में सरकार के शीर्ष नेतृत्व को शामिल करने के आरोप कभी सत्य नहीं थे। 2जी स्पेक्ट्रम मामले पर फैसले के बारे में चिदंबरम ने संवाददाताओं को बताया, "मुझे नहीं लगता कि मुझे अभी टिप्पणी करनी चाहिए। लेकिन एक चीज स्पष्ट हो चुकी है कि एक बड़े घोटाले में सरकार के शीर्ष नेतृत्व को शामिल करने के आरोप कभी सत्य नहीं थे, सहीं नहीं थे जिसका आज खुलासा हो चुका है।"

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