ई-वे बिल प्रणाली जून 2018 से अनिवार्य रूप से देशभर में होगा लागू, जीएसटी परिषद से मिली मंजूरी

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   16 Dec 2017 6:44 PM GMT

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ई-वे बिल प्रणाली जून 2018 से अनिवार्य रूप से देशभर में होगा लागू, जीएसटी परिषद से मिली मंजूरीवित्त मंत्री अरुण जेटली।

नई दिल्ली (भाषा)। जीएसटी प्रणाली की खामियों को दूर करने के लिए जीएसटी परिषद ने आज देशभर में अगले साल एक जून से ई-वे बिल प्रणाली को लागू करने का फैसला किया है।

परिषद ने जीएसटी के आईटी नेटवर्क की तैयारियों को देखते हुए यह निर्णय लिया। हालांकि परिषद ने कहा है कि ई-वे बिल की व्यवस्था 16 जनवरी 2018 से उपलब्ध होगी और राज्य स्वैच्छिक आधार पर जून से पहले भी इसे अपना सकते हैं।

ई-वे बिल व्यवस्था के तहत 50,000 रुपए से अधिक मूल्य का सामान एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने से पहले उसका आनलाइन पंजीकरण कराना होगा।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आज हुई जीएसटी परिषद की बैठक में ई-वे बिल प्रणाली को लागू करने पर विचार विमर्श किया गया। विचार विमर्श के दौरान जीएसटी नेटवर्क के हार्डवेयर और साफ्टवेयर की तैयारियों का जायजा भी लिया गया।

इसमें कहा गया है, राष्ट्रीय स्तर पर ई-वे बिल के लागू होने तक राज्यों को यह अधिकार दिया गया है कि वह ई-वे बिल की अपनी अलग व्यवस्था को जारी रख सकते हैं हालांकि, कुछ राज्यों में ई-वे बिल की अलग व्यवस्था लागू होने पर व्यापारियों और ट्रांस्पोर्टरों का कहना है कि इससे माल के अंतर राज्यीय परिवहन में परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा है कि सरकार को जल्द से जल्द राष्ट्रीय स्तर पर ई-वे बिल की व्यवस्था लानी चाहिए।

वित्त मंत्रालय के वक्तव्य के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर ई-वे बिल 16 जनवरी 2018 तक परीक्षण के तौर पर उपलब्ध हो जाएगा। व्यापारी वर्ग और ट्रांसपोर्टर 16 जनवरी से स्वैच्छिक आधार पर इस प्रणाली का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर इसके क्रियान्वयन के बारे में एक फरवरी 2018 से अधिसूचित कर दिए जाएंगे। इससे सभी राज्यों में माल के सुगम आवागमन को लेकर नियमों में एकरुपता आ जाएगी।

जीएसटी व्यवस्था में एक राज्य से दूसरे राज्य में माल के आवागमन में कर चोरी रोकने के लिए ई-वे बिल प्रक्रिया को शामिल किया गया है। सरकार ने हाल में जीएसटी राजस्व प्राप्ति में गिरावट के लिए कर चोरी को बड़ी वजह बताया है। अक्तूबर माह में जीएसटी वसूली घटकर 83,346 करोड़ रुपए रह गई। हालांकि, सितंबर में यह आंकड़ा 95,131 करोड़ रुपए पर पहुंच गया था।

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सरकारी वक्तव्य में कहा गया है, राज्य के भीतर और एक राज्य से दूसरे राज्य में माल परिवहन के बारे में ई-वे बिल के लिए प्रणाली को 16 जनवरी 2018 से अमल में ला दिया जाएगा। इसके बाद राज्य एक जून 2018 से पहले किसी भी समय इसे अपनाने के लिए उचित समय पर अपना निर्णय ले सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि कुछ राज्यों में ई-बे बिल की उनकी अपनी प्रणाली पहले से काम कर रही है, ऐसे में ये राज्य राष्ट्रीय स्तर की प्रणाली को समय से पहले अपना सकते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर अनिवार्य रुप से इसे लागू करने की तिथि एक जून 2018 तय की गई है।

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